प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) खुद इस पूरे मामले की निगरानी करते हुए व्यवस्था कर रहे हैं। ऑक्सीजन टैंकर को पहुंचाने के लिए रेलवे की मदद ली जा रही है, वहीं सेना भी मोर्चा संभालते हुए हर संभव मदद कर रही है। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सेना के अधिकारियों से अधिक से अधिक किस प्रकार से मदद ली जा सकती है, इस संबंध में चर्चा के लिए रक्षा विभाग के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ( CDS Bipin Rawat ) ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
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प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मुलाकात में दोनों के बीच कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा की जा रही तैयारी और संचालन की समीक्षा की। इस दौरान सीडीएस बिपिन रावत ने पीएम मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दो सालों में सशस्त्र बलों के जितने भी डॉक्टर रिटायर हुए हैं या फिर वीआरएस लेकर गए हैं, उन्हें एक बार फिर से सेवा में वापस बुलाया गया है, ताकि वे अपने घरों के नजदीक कोरोना महामारी से लड़ने में सहायता कर सकें।
पूर्व सैन्य चिकित्साकर्मियों को बुलाया गया वापस
पीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोरोना के इस संकट में अन्य चिकित्सा अधिकारियों से भी जो सेवानिवृत्त हुए हैं उन्हें अपनी सेवाएं आपातकालीन हेल्पलाइन के माध्यम से जारी रखने का अनुरोध किया गया है।
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सीडीएस रावत ने पीएम मोदी को जानकारी देते हुए बताया कि कमांडएचक्यू, कॉर्प्स मुख्यालय, डिवीजन मुख्यालय और नौसेना और आईएएफ के समान मुख्यालय में कर्मचारियों की नियुक्तियों पर सभी चिकित्सा अधिकारी अस्पतालों में कार्यरत हैं।
इसके अलावा अस्पतालों में डॉक्टरों के पूरक के लिए नर्सिंग कर्मियों को बड़ी संख्या में नियुक्ति की जा रही है। सीडीएस रावत ने बताया कि विभिन्न प्रतिष्ठानों में सशस्त्र बलों के साथ उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों के लिए जारी किए जाएंगे।