उठ सकता है आतंक और खलिस्तान का मुद्दा
ट्रूडो की भारत यात्रा से पहले दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की ओर से हुई विशेष बैठक में डिफेंस और टैरेरिज्म जैसी बड़ी समस्याओं के खिलाफ मिलकर लड़ने और आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने को लेकर चर्चा हुई। वहीं कूटनीतिज्ञों की मानें तो कनाडाई पीएम से मुलाकात के दौरान भारत वहां खालिस्तान समर्थकों की लगातार बढ़ रही गतिविधियों पर चिंता व्यक्त कर सकता है। बता दें कि ट्रूडो पर खालिस्तान समर्थकों को लेकर नरम रवैया अख्तियार करने के आरोप लगते रहे हैं।
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दोनों देशों के एनएसए के बीच हुई अहम बैठक में दरअसल, पीएम मोदी और ट्रूडो की मुलाकात की भूमिका तैयार की गई है। जानकारी के अनुसार दोनों पीएम की होने वाली बैठक में पारस्परिक संबंधों के विस्तार पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान कनाड़ा के डिप्लोमेटिक्स के हवाले से खबर आई है कि दोनों सुरक्षा सलाहाकारों के बीच हुई लंबी वार्ता में सिख अतिवाद को लेकर चर्चा हुई है। बता दें कि भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से आर्थिक भागीदारी को गति नहीं मिल पाई है।
दोनों देशों के एनएसए के बीच हुई अहम बैठक में दरअसल, पीएम मोदी और ट्रूडो की मुलाकात की भूमिका तैयार की गई है। जानकारी के अनुसार दोनों पीएम की होने वाली बैठक में पारस्परिक संबंधों के विस्तार पर जोर दिया जाएगा। इस दौरान कनाड़ा के डिप्लोमेटिक्स के हवाले से खबर आई है कि दोनों सुरक्षा सलाहाकारों के बीच हुई लंबी वार्ता में सिख अतिवाद को लेकर चर्चा हुई है। बता दें कि भारत और कनाडा के बीच लंबे समय से आर्थिक भागीदारी को गति नहीं मिल पाई है।
भारत यात्रा के दौरान जाएंगे आगरा और अमृतसर
इसके अलावा कनाडा के पीएम ट्रूडो की यह पहली भारत यात्रा होगी। बता दें कि कनाडा यात्रा के दौरान पीएम मोदी से उनकी पहली मुलाकात 2015 में उस समय हुई थी, जब वह लिबरल पार्टी के नेता के थे। इसके अलावा गौर करने वाली बात यह है कि डेढ़ साल में ट्रूडो सरकार के 11 मंत्री भारत के रह चुके हैं। वहीं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ट्रूडो राजधानी दिल्ली पहुंचने के बाद अमृतसर, आगरा, अहमदाबाद समेत आर्थिक नगरी मुंबई भी जाएंगे।