Big News: पूर्व मुख्यमंत्री के निजी सचिव के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी में 2000 करोड़ का खुलासा ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स कश्मीर के लिए ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की अध्यक्ष हैं। सोमवार को डेबी दुबई से भारत पहुंचीं और दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर उतरीं। अब्राहम्स को हवाई अड्डे पर ही रोक दिया गया था। डेबी को सूचना दी गई कि भारत सरकार द्वारा उनका ई-वीजा रद्द किया जा चुका है और फिर उन्हें दुबई वापस भेज दिया गया।
इस संबंध में सरकारी सूत्रों ने कहा कि डेबी अब्राहम्स भारत के देशहित के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्त रही थीं। इतना ही नहीं सूत्रों ने दावा किया कि डेबी को ई-वीजा रद्द किए जाने की सूचना बीते 14 फरवरी को ही दे दी गई थी।
वीजा रद्द किए जाने को लेकर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि किसी को वीजा जारी करना, उसे अस्वीकार करना या फिर वीजा को रद्द कर देना, किसी भी देश के संप्रभु अधिकार के अंतर्गत आता है। अब जब वीजा रद्द किए जाने के बाद वह भारत पहुंची और वैध वीजा नहीं रखे थीं, उन्हें वापस जाने के लिए कहा गया।
सड़क किनारे नारियल पानी से लदे ठेले पर पड़ी पुलिस की नजर, जब नाबालिग विक्रेता को धरा गया तब हुआ खुलासा गौरतलब है कि बीते वर्ष 7 अक्टूबर 2019 को सरकार ने अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा जारी किया था। यह वीजा 5 अक्टूबर 2020 तक की वैधता वाला था। हालांकि अब्राहम्स की गतिविधियों को भारत विरोधी पाने के बाद वीजा रद्द कर दिया गया और एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्हें वापस दुबई के लिए भेज दिया गया।
बता दें कि बीते वर्ष 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद डेबी अब्राहम्स ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे गलत करार दिया था। डेबी ने सरकार के इस फैसले को मानवाधिकारों का हनन करने वाला कहा था।
विपक्ष ने भी अब्राहम्स को वापस भेजे जाने के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस सांसद और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस संबंध में ट्वीट कर लिखा, “भारत सरकार का डेबी अब्राहम्स को वापस लौटाना वास्तविकता में जरूरी था, वह केवल एक सांसद ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की प्रतिनिधि भी हैं। उन्हें पाकिस्तान सरकार और आईएसआई के साथ उनकी नजदीकियों के लिए पहचाना जाता है। ऐसे हर प्रयास को बेकार करना होगा जो भारत की संप्रभुता पर हमला करता है।”