विघटन और डी-एस्केलेशन को लेकर सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली ( WMCC ) की 10 जुलाई को अंतिम वर्चुअल बैठक ( Virtual meeting ) हुई थी। आज एक बार फिर दोनों पक्ष विस्थापन प्रक्रिया ( Disengagement Process ) की समीक्षा कर सकते हैं। भारत और चीन ( India and China ) के बीच सीमा पर गतिरोध को दूर करने के लिए यह चौथी बैठक होगी।
RJD सांसद मनोज झा ने बताया नीतीश सरकार को फेल, पीएम मोदी को खत लिख बताई ये बात इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि दोनों के नेतृत्व द्वारा सहमति के अनुसार विघटन और डी-एस्केलेशन प्रक्रिया में हुई प्रोग्रेस पर विचार करेंगे। किसी ने नहीं कहा कि यह प्रक्रिया सरल होगी। यह जटिल है और लंबा-खीच सकता है।
बता दें कि भारत और चीन सैन्य और कूटनीतिक स्तरों पर तीन दौर की बातचीत के बावजूद संवेदनशील लद्दाख क्षेत्र में तनाव को कम करने में सफल नहीं हो पाए हैं। एलएसी ( LAC ) के कुछ बिंदुओं पर विस्थापन प्रक्रिया लगभग रुकी हुई है।
भारत ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि चीनी पक्ष पूर्वी लद्दाख ( East Ladakh ) से अपने सैनिकों को पूरी तरह हटाने, तनाव कम करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए नई दिल्ली के साथ ईमानदरी से काम करेगा।
MEA S Jayshankar : वैश्विक मुद्दों पर भारत और अमरीका को बड़ा सोचने की जरूरत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ( Foreign Ministry spokesman Anurag Shrivastava ) ने एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि विमर्श एवं समन्वय कार्य तंत्र के ढांचे के तहत भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर की एक और दौर की वार्ता जल्द होने की उम्मीद है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि इस कूटनीतिक वार्ता के शुक्रवार को होने की संभावना है।
इसमें मुख्य ध्यान पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो तथा विवाद के कुछ अन्य बिन्दुओं से सैनिकों को तेजी से पीछे हटाने पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को लगभग 15 घंटे तक चली कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया उम्मीद के अनुरूप आगे नहीं बढ़ी है।