अपनी फिल्मों के जरिए लोगों को रोमांचित करने वाले निर्देशक निशिकांत कामत इस वक्त लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जंग लड़ रहे हैं। हैदराबाद के अस्पताल से उनकी सेहत ( Health Update ) को लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ रही है लेकिन इतना जरूर सामने आया है कि फिलहाल उनकी सेहत ठीक नहीं है। चिकिस्तकों की टीम उनकी देखभाल में लगी है। लीवर सिरोसिस के चलते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। आईए जानते हैं आखिर लिवर सिरोसिस है क्या?
जानें कैसे हीरो से डायरेक्टर बने दृश्यम और फोर्स जैसी सुपर हिट फिल्ममेकर निशिकांत कामत जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बड़ा कदम उठाने जा रही है केंद्र सरकार, जानें सुप्रीम कोर्ट में क्या दी जानकारी
जानलेवा बीमारी है लीवर सिरोसिस
जब किसी गंभीर बीमारी या कारण की वजह से लीवर को नुकसान पहुंचता है, तब लीवर पर घाव के निशान पड़ने लगते हैं। इसे ही लीवर सिरोसिस कहा जाता है। ये एक ऐसी बीमारी है जो कई वर्षों में लीवर को डेमैज करती है।
जब किसी गंभीर बीमारी या कारण की वजह से लीवर को नुकसान पहुंचता है, तब लीवर पर घाव के निशान पड़ने लगते हैं। इसे ही लीवर सिरोसिस कहा जाता है। ये एक ऐसी बीमारी है जो कई वर्षों में लीवर को डेमैज करती है।
खास बात यह है कि समय रहते इस बीमारी का इलाज ना कराया जाए तो ये जानलेवा भी साबित होती है। इस बीमारी में दरअसल लीवर में मौजूद स्वस्थ्य टिशू की जगह पर सख्त टिशू आने लगते हैं। स्वस्थ्य टिशू लीवर को नुकसान पहुंचने पर उसे दुरुस्त करने लगते हैं, लेकिन जब इनमें सख्त टिशू आ जाते हैं तो वे लीवर को सख्त बनाने लगते हैं। ऐसे में तकलीफ बढ़ने लगती है।
लीवर सिरोसिस होने के कई कारण हो सकते हैं। हालांकि इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह मोटापा और डायबिटीज को माना गया है। जैसे-जैसे पेट पर फैट बढ़ने लगाता है लीवर पर इसका सीधा असर पढ़ने लगता है।
ये भी है प्रमुख कारण
ज्यादा शराब पीना, अत्यधिक जंक फूड का सेवन, हेपेटाइटिस-बी या सी, शरीर में लगातार आयरन बढ़ना ये ऐसी वजह हैं जो लीवर सिरोसिस का कारण बनती है। जब लीवर सिरोसिस में ज्यादा लीवर को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। ऐसे में इसका इलाज सिर्फ प्रत्यारोपण ही होता है। यानी लीवर ट्रांसप्लांट।
ज्यादा शराब पीना, अत्यधिक जंक फूड का सेवन, हेपेटाइटिस-बी या सी, शरीर में लगातार आयरन बढ़ना ये ऐसी वजह हैं जो लीवर सिरोसिस का कारण बनती है। जब लीवर सिरोसिस में ज्यादा लीवर को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। ऐसे में इसका इलाज सिर्फ प्रत्यारोपण ही होता है। यानी लीवर ट्रांसप्लांट।
आपको बता दें कि निशिकांत कामत इस बीमारी का काफी समय से इलाज करवा रहे थे। वो एक बार इससे उबर भी चुके थे, लेकिन दोबार तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।