इस बीच सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर एक संदेश तेजी वायरल हो रहा है कि फ्रीज के दरवाजे में लगी रबर और प्याज में मिलने वाला काला धब्बा ‘ब्लैक फंगस’ होता है। दावा है कि ये घर में कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के साथ कोरोना मरीज के भीतर नाक के जरिए घुस सकता है। आईए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट्स का क्या कहना है।
यह भी पढ़ेंः Coronavirus In India बीते 24 घंटे में कोरोना के नए केस में मिली बड़ी राहत, जानिए क्या रहा आंकड़ा कोरोना महामारी के बीच लगातार फैल रहे ब्लैक फंगस ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि अब तक देश में ब्लैक फंगस के बाद व्हाइट और येलो फंगस भी दस्तक दे चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा मामले ब्लैक फंगस के ही सामने आए हैं।
यही वजह है कि ब्लैक फंगस को लेकर सोशल मीडिया पर भी लगातार नई-नई बातें सामने आ रही है। इसी कड़ी में इन दिनों एक मैसेज वायरल हो रहा है कि फ्रीज के दरवाजे में लगी रबर और प्याज में मिलने वाला काला धब्बा ‘ब्लैक फंगस’ होता है। यही नहीं दावा है कि ये घर में कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के साथ कोरोना मरीज में नाक के जरिए एंट्री कर सकता है।
ये कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स की मानें तो फ्रीज और प्याज में काला धब्बा ‘ब्लैक फंगस’ नहीं है। ये कहना पूरी तरह गलत है कि फ्रीज और प्याज में पाए जाने वाले काले धब्बे ब्लैक फंगस के है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो फ्रीज और प्याज में काला धब्बा ‘ब्लैक फंगस’ नहीं है। ये कहना पूरी तरह गलत है कि फ्रीज और प्याज में पाए जाने वाले काले धब्बे ब्लैक फंगस के है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो महामारी के दौर में लोगों को साफ-सफाई पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। बिना धोए किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। खास तौर पर जो खाद्य पदार्थ जैसे सब्जी, फल आदि।
ये कहती है अमरीकी स्वास्थ्य एजेंसी
अमरीकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( CDC ) का भी कहना है कि फ्रीज और प्याज पर पाए जाने वाले काले धब्बे ब्लैक फंगस नहीं है।
अमरीकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( CDC ) का भी कहना है कि फ्रीज और प्याज पर पाए जाने वाले काले धब्बे ब्लैक फंगस नहीं है।
इस वजह से होता है कालापन
सीडीसी के मुताबिक ब्लैक फंगस धमनियों में रक्त प्रवाह को रोकता है, जिस कारण कालापन होता है। लेकिन फ्रीज और प्याज समेत अन्य में रक्त का प्रवाह नहीं होता है। ऐसे में उनमें जो काले धब्बे होते हैं वो ब्लैक फंगस नहीं है।
सीडीसी के मुताबिक ब्लैक फंगस धमनियों में रक्त प्रवाह को रोकता है, जिस कारण कालापन होता है। लेकिन फ्रीज और प्याज समेत अन्य में रक्त का प्रवाह नहीं होता है। ऐसे में उनमें जो काले धब्बे होते हैं वो ब्लैक फंगस नहीं है।
यह भी पढ़ेँः कोरोना का कहर जारी, पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत इन राज्यों में बढ़ाया गया लॉकडाउन फ्रीज में नहीं रह सकता है म्यूकॉर
पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती के मुताबिक जिस फंगस से म्यूकॉरमायकोसिस ( Black Fungus ) होता है वो फ्रिज या प्याज पर जीवित नहीं रह सकता है।
पीजीआई चंडीगढ़ के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रो. अरुणालोक चक्रवर्ती के मुताबिक जिस फंगस से म्यूकॉरमायकोसिस ( Black Fungus ) होता है वो फ्रिज या प्याज पर जीवित नहीं रह सकता है।
प्रो. चक्रवर्ती का कहना है कि फंगस की पहचान उसके रंग के आधार पर न करें। सभी तरह के फंगस से बचाव के लिए सबसे बड़ा हथियार है साफ-सफाई। साफ-सफाई और सावधानी जरूरी
सेंटर फॉर मेडिकल मायक्रोलॉजी फंगल डिसीज डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर जबलपुर के डॉ. शेष आर नवांगे की मानें तो फ्रीज या प्याज पर दिखने वाले काले धब्बे या फंगस से संक्रमण का खतरा कम होता है।
सेंटर फॉर मेडिकल मायक्रोलॉजी फंगल डिसीज डायग्नोस्टिक रिसर्च सेंटर जबलपुर के डॉ. शेष आर नवांगे की मानें तो फ्रीज या प्याज पर दिखने वाले काले धब्बे या फंगस से संक्रमण का खतरा कम होता है।
फ्रीज को साफ रखें, प्याज को बिना धुले न खाएं। साफ-सफाई के साथ-साथ सावधानी ही इस बीमारी से बचाव है।