scriptऐसा आदिवासी नेता जिसे कहा गया भगवान, बिरसा मुण्डा जयंती पर विशेष | Birsa munda tribal leader like god | Patrika News
विविध भारत

ऐसा आदिवासी नेता जिसे कहा गया भगवान, बिरसा मुण्डा जयंती पर विशेष

अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में आदिवासियों की बड़ी भूमिका रही है। चाहे वे बाबा तिलका माझी हों या फिर बिरसा मुंडा।

Nov 15, 2018 / 03:10 pm

धीरज शर्मा

birsa munda

ऐसा आदिवासी नेता जिन्हें कहा गया भगवान, बिरसा मुण्डा जयंती पर विशेष

नई दिल्ली। अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में आदिवासियों की बड़ी भूमिका रही है। चाहे वे बाबा तिलका माझी हों या फिर बिरसा मुंडा। इतिहासकार भले ही कहते रहे कि इनमें से अधिकांश संघर्ष जमीन को लेकर था और आरंभ में इन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम से कोई लेना-देना नहीं था लेकिन सच यही है कि ये सारे आंदोलन शोषण, अंगरेजों और उनके समर्थन कर रहे लोगों के खिलाफ ही थे। अगर बिरसा मुंडा के उलगुलान को ही लें, तो उसी अवधि में देश में अलग-अलग जगहों पर अंगरेजों के खिलाफ आंदोलन हो रहे थे और उन्हें दर्ज भी किया जा रहा था।

बिहार, झारखंड, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल के एक बड़े हिस्से में इन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है। ये अकेले आदिवासी नेता हैं, जिनका चित्र भारतीय संसद में प्रदर्शित है। ये मुण्डा जाति ही नहीं, आदिवासी या अनुसूचित जनजातीय गौरव के देश के सबसे बड़े प्रतीक हैं। इनका जन्म झारखंड राज्य के खूंटी जिले के उलिहातु में हुआ था।
15 नवंबर 1875 को बिरसा मुण्डा का जन्म
9 जून 1900 में रांची के कारागार में मृत्यु
24 वर्ष की आयु ही उन्हें नसीब हो पाई
19 की आयु में किया आदिवासी सेना का गठन
600 से ज्यादा पारंपरिक लड़ाके थे उनके साथ
बिरसा के विचार
बिरसा मुण्डा आदिवासी चिंतन-संस्कृति के साथ ही हिन्दू धर्म के ज्ञान और ईसाई धर्म के संगठन व्यवहार से प्रभावित थे।

बिरसा का योगदान
बिरसा ने पारंपरिक सेना बनाकर अंग्रेजों व बाहरी लोगों से सीधे लड़ाई में उतरकर आदिवासियों को मजबूत बनाया।
बिरसा के दुश्मन
अंग्रेजों, ईसाई मिशनरियों और उन बाहरी लोगों, साहूकारों को निशाना बनाया, जो आदिवासियों का शोषण करते थे।

बिरसा का लक्ष्य
आदिवासी व जनजातीय आबादी को उचित अधिकार मिले और उनका अपना राज्य-अपना शासन स्थापित किया जाए।
बिरसा की याद
20 से ज्यादा संस्थान उनके नाम पर काम कर रहे हैं। उन्हें लगभग पूरे देश में समान रूप से याद किया जाता है।
150 फीट ऊंची प्रतिमा बूंडू, झारखंड में बन रही है। हर गांव और शहर से पत्थर जुटाकर यह प्रतिमा बन रही है।

बिरसा की प्रसिद्ध टिप्पणियां
‘शराब पीना छोड़ो। इसके कारण हमारी भूमि हमसे दूर हो जाती है। शराबीपन व नींद अच्छी बात नहीं है। इससे शरीर और आत्मा को नुकसान होता है। दुश्मन हम पर हंसते हैं।’
‘जनजाति को बाहरी लोगों से मुक्ति दिलाने और उनके उत्थान के लिए मैं अंतिम समय तक संघर्ष करता रहूंगा, क्योंकि मुझे ईश्वर ने इसी कार्य के लिए धरती पर भेजा है।’

Hindi News / Miscellenous India / ऐसा आदिवासी नेता जिसे कहा गया भगवान, बिरसा मुण्डा जयंती पर विशेष

ट्रेंडिंग वीडियो