नीतीश कुमार बोले भगा दिया बिहार का भूत, खत्म हुआ अंधेरे का नामोनिशान
एक्सपर्ट की राय के अनुसार इससे पहले शादी के तीन साल बाद तक कोर्ट में तलाक की अर्जी नहीं डाली जा सकती थी। लेकिन 1976 में हुए कानून में संशोधन के बाद यह समयावधि 3 साल से घटाकर एक साल कर दी गई थी। आपको बता दें कि अदालत ने इस अर्जी को सूचीबद्ध करते हुए केस नंबर 1208/2018 देते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर मुकर्रर की है। इस मामले में हालांकि लालू प्रसाद के परिवार का कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है। अर्जी दायर करने के बाद तेजप्रताप ने भी इस संबंध में मीडिया से बात नहीं की।
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लालू की बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को इस बारे में मीडिया से पता चला। वह पटना स्थित राबड़ी देवी आवास पहुंची हैं। इस बीच, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह पारिवारिक मामला है और खासकर पति-पत्नी का व्यक्तिगत मामला है।