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जैसे ही कॉलेज के नए निर्देश की जानकारी छात्राओं तक पहुंची तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। छात्राओं का कहना है कि बुर्के पहनने से कॉलेज को कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए। छात्राओं ने इसको जबरन थोपे जाने वाला कानून बताया है। वहीं, जब कॉलेज के प्राचार्या से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह निर्देश नए सत्र के ओरिएंटेशन के दौरान दे दिए गए थे। इस नियम का मकसद छात्राओं में एकरूपता लाना है।
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प्राचार्य ने कहा कि जो छात्राएं कॉलेज में बुर्का पहनकर आती हैं, उनको कैंपस में प्रवेश करते ही बुर्का उतार कर क्लास में जाना होगा।