इस दौरान उन्होंने कहा कि सच्चाई की ताकत बंदूक की ताकत से अधिक शक्तिशाली होती है। यह जवाब उन्होंने उस सवाल के जवाब में दिया, जब उनसे पूछा गया कि वह चीन ( China ) को क्या संदेश देना चाहते हैं।
आपको बता दें कि दलाई लामा 6 जनवरी तक बोध गया में रुकेंगे। दलाई लामा ( Dalai Lama ) दीक्षा और प्रवचन के लिए मंगलवार को मुंबई से बोधगया पहुंचे।
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बोधगया पहुंचे दलाई लामा से जब पत्रकारों ने चीन को लेकर सवाल किए तो उन्होंने बेबाकी के साथ उनके सवालों का जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि ‘चीन के कम्युनिस्टों के पास बंदूक की ताकत है, लेकिन हमारे पास सच्चाई की ताकत है। सच्चाई की ताकत बंदूक की ताकत से अधिक प्रभावशाली होती है।
गौरतलब है कि तिब्बत की निवासियों की बगावत पर चीन ( China ) की दमनकारी नीति के बाद 14वें दलाई लामा को 1959 में भारत में शरण लेनी पड़ी थी।
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जानकारी के अनुसार दलाई लामा बोधगया स्थित तिब्बती मॉनस्ट्री में रुके हैं।
इसके चलते यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आपको बता दें कि गया पहुंचे दलाई लामा से मिलने भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।