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संभाजी ने कहा कि उनके बाग के आमों को खाकर अभी तक करीब 180 दंपत्तियों में से 150 को संतान सुख प्राप्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह बात उन्होंने अपनी मां के अलावा किसी और को नहीं बताई। उनका दावा है कि संतान सुख के साथ ही ये आम लोगों को अपने यहां बेटा पैदा करने में भी मददगार साबित होते हैं। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके दावे को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने इसे कोरा अंधविश्वास बताया है। समाजिक संगठनों का कहना है कि संभाजी की यह बात अंधविश्वास को बढ़ावा देने का काम कर रही है। प्रसिद्ध वकील अभय सिंह ने उनकी बात को नकारते हुए कहा कि आम एक प्रसिद्ध फल है और अधिकांश लोगों को पंसदीदा भी है। ऐसे में तो अब तक जनसंख्या विस्फोट हो चुका होता। अधिवक्ता ने अंधविश्वास के आरोप में संभाजी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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वहीं, क्षेत्र के विधायक जितेंद्र अवध ने संभाजी भिड़े को आड़े हाथों लिया है। अवध का कहना है कि भिड़े के बयान से ऐसा लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति न्यूक्लियर फिजिक्स से स्नातक है, वो ऐसी बेबुनियाद बात नहीं कर सकता।