हालांकि अभियान के शुरू होते ही कई लोगों में साइड इफेक्ट भी सामने आने लगे हैं। इस बीच जो बड़ी खबर सामने आई है वो ये कि भारत बयोटेक ने कोवैक्सीन ( Covaxin )टीके को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। भारत बायोटेक ने कुछ लोगों को कोवैक्सीन का टीका ना लगाने की सलाह दी है। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
बंगाल में बढ़ी ममता की मुश्किल, बागी नेता शुभेंदु की खुली चुनौती, दीदी को नंदीग्राम में नहीं हराया तो छोड़ दूंगा राजनीति देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन के बीच बड़ी खबर सामने आई है। भारत बायोटेक ने एक फैक्टशीट जारी कर बताया है कि किन लोगों को कोवैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
ऐसे लोग ना लगाएं टीका
कंपनी की वेबसाइट पर अपलोडेड फैक्टशीट के जरिए भारत बायोटेक ने ऐसे लोगों को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से एलर्जी, बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो।
कंपनी की वेबसाइट पर अपलोडेड फैक्टशीट के जरिए भारत बायोटेक ने ऐसे लोगों को कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है, जिन्हें कुछ समय से एलर्जी, बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर की शिकायत रही हो।
इसके अलावा जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या दवाई ले रहे हैं या फिर जिसका प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर हो सकता है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि कोवैक्सीन का टीका गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी वर्जित है। साथ ही जिन्होंने दूसरी वैक्सीन ली है, या फिर किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, वे भी कोवैक्सीन का टीका न लें।
सरकार भी कर चुकी अलर्ट
दरअसल वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले सरकार ने भी एक दिशा-निर्देश जारी किया था। इसके तहत गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने की अभी जरूरत नहीं है।
दरअसल वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले सरकार ने भी एक दिशा-निर्देश जारी किया था। इसके तहत गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने की अभी जरूरत नहीं है।
वहीं भारत बायोटेक ने वैक्सीन की संभावित प्रतिकूल घटनाओं और वैक्सीन के लिए योग्य लोगों का विवरण देते हुए यह फैक्टशीट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इसका बहुत ही कम चांस है कि कोवैक्सीन से सांस लेने में कठिनाई, चेहरे/गले की सूजन/ तेजी से दिल धड़कना, पूरे शरीर में चकत्ते और कमजोरी सहित एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया पैदा हो सकती हैं।
कोवैक्सीन पर उठे सवाल
दरअसल कोवैक्सीन को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं। क्योंकि कोवैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में है और अभी इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है। यही वजह है कि वैक्सीनेशन जिस दिन शुरू हुआ उस दिन दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के चिकित्सकों को इसके इस्तेमाल पर ऐतराज जताया था।
दरअसल कोवैक्सीन को लेकर कई सवाल उठ चुके हैं। क्योंकि कोवैक्सीन तीसरे फेज के ट्रायल में है और अभी इसकी प्रभावकारिता पूरी तरह से साबित नहीं हो पाई है। यही वजह है कि वैक्सीनेशन जिस दिन शुरू हुआ उस दिन दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के चिकित्सकों को इसके इस्तेमाल पर ऐतराज जताया था।
कोवैक्सीन के तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों को स्टडी किया जा रहा है। भारत बायोटेक ने कहा है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए।
अभी और बढ़ेगा सर्दी का सितम, मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों के लिए जारी किया बड़ा अलर्ट इस बात का भी रखें ध्यान
फैक्टशीट में कहा गया है कि क्या आप नियमित रूप से दवा ले रहे हैं या काफी समय से बीमार हैं? टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में बताएं। अगर हां तो कब से और किस हालत में हैं।
फैक्टशीट में कहा गया है कि क्या आप नियमित रूप से दवा ले रहे हैं या काफी समय से बीमार हैं? टीकाकरण अधिकारी को अपनी सभी चिकित्सा स्थितियों के बारे में बताएं। अगर हां तो कब से और किस हालत में हैं।
तीन महीने तक किया जाएगा फॉलो
कोवैक्सीन निर्माता ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा।
कोवैक्सीन निर्माता ने आगे कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक के बाद तीन महीने तक सभी टीका प्राप्तकर्ताओं का फॉलोअप किया जाएगा।