दरअसल किसानों के भारत बंद के बीच रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की आपूर्ति को रोकने के भी बात कही गई है। ऐसे में एक दिन पहले इन वस्तुओं के दाम बढ़ने के आसार बन रहे हैं। स्वराज अभियान के प्रजिडेंट योगेंद्र यादव ने 8 दिसंबर के ‘भारत बंद’ पर कहा कि उस दिन अनिवार्य वस्तुओं एवं सेवाओं पर भी पाबंदी लगाएगी जाएगी। हालांकि अपने इस बयान के बाद वे सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं।
पहाड़ों पर बर्फबारी का जारी हुआ अलर्ट, मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों में बारिश को लेकर जारी की चेतावनी व्यापारियों और कृषि उपज मंडियों ने रविवार को कहा कि इस सप्ताह राजधानी शहर में फलों और सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़त की संभावना है। जब तक किसानों और सरकार का मसला हल नहीं हो जाता, ये बरकरार रहेगा।
5500 मीट्रिक टन तक गिरी आपूर्ति
आजादपुर कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष आदिल खान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में आपूर्ति किए जाने वाले फलों और सब्जियों के 80 फीसदी से ज्यादा दिल्ली के आजादपुर कृषि बाजार से आता है।
यहां औसतन एक दिन में फल और सब्जी का आगमन लगभग 5,500 मीट्रिक टन तक गिर गया है।
खान के मुताबिक फलों और सब्जियों की कीमत में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है क्योंकि व्यापारी पिछले एक सप्ताह से स्थानीय आपूर्ति को पूरा कर रहे हैं और राज्य से बाहर नहीं भेज रहे हैं। लेकिन अब स्टॉक लगभग खत्म हो गया है और आपूर्ति में गिरावट बहुत अधिक है।
ये बोले- योगेंद्र यादव
फलों और सब्जियों की कीमत में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है क्योंकि व्यापारी पिछले एक सप्ताह से स्थानीय आपूर्ति को पूरा कर रहे हैं और राज्य से बाहर नहीं भेज रहे हैं। लेकिन अब लगभग खत्म हो गया है और आपूर्ति में गिरावट बहुत अधिक है।
हालांकि उनके इस बयान के बाद योगेंद्र यादव सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने लगे। एक यूजर ने पूछा योगेंद्र यादव से पूछा कि वो भारत बंद को लेकर कुछ भी ऐलान करने वाले कौन होते हैं। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या जोर-जबर्दस्ती करके दिल जीते जाते हैं? वहीं अन्य यूजर्स ने ह मंत्री अमित शाह से योगेंद्र यादव जैसे अर्बन नक्सल का इलाज करने की अपील की।
कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक, टीएमसी और आप समेत 12 विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों की ओर आठ दिसंबर को ‘भारत बंद के आह्वान के प्रति अपना समर्थन जताया।
कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद भी इतने दिन रहना होगा सतर्क, जानिए कौनसी लापरवाहियां बढ़ा सकीत है मुश्किल सरकार 9 दिसंबर को सौंपेगी प्रस्तावसरकार ने किसानों से तीन दिन का वक्त मांगा और कहा कि वो राज्य सरकारों की राय लेकर एक प्रस्ताव तैयार करेगी और 9 दिसंबर को किसानों को सौंपेगी। उस प्रस्ताव पर उसी दिन फिर से किसान संगठन और सरकार के बीच बातचीत होगी।