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भगत सिंह ने किया था आत्मसमर्पण
लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए भगत सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ पुलिस सुपिरिटेंडेंट स्कॉट की हत्या करने की योजना बनाई परन्तु एक साथी की गलती के कारण स्कॉट की बजाय 21 साल के पुलिस अधिकारी सांडर्स की हत्या हो गई। भगत सिंह को इस हत्या से दुख हुआ परन्तु ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा भारतीयों पर किए जा रहे जुल्म को सामने लाने के लिए भगत सिंह ने असेंबली सभा में बम ब्लास्ट किया। इसमें वो पकड़े गए जिसके बाद उन्हें ब्रिटिश अधिकारी की हत्या के आरोप में मृत्युदंड दिया गया।
लोग चाहते थे महात्मा गांधी करें भगत सिंह की सहायता
उस समय महात्मा गांधी ब्रिटिश सरकार से समझौते पर बात करने जा रहे थे। लोगों ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपनी शर्तों में भगत सिंह तथा उनके सहयोगियों की सजा माफी की शर्त भी शामिल करें। महात्मा गांधी ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वे ब्रिटिश सरकार के साथ होने वाले समझौते को टाल दें। परन्तु महात्मा गांधी ने भगत सिंह को माफ करने की शर्त रखने के बजाय इसके लिए वायसराय से प्रार्थना की जिसने इस निवेदन को स्पष्ट रूप से ठुकरा दिया। हालांकि उन्होंने भगत सिंह तथा उनके साथियों की सजा माफ करवाने के लिए अन्य कई तरीके आजमाएं तथा ब्रिटिश अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखीं लेकिन वे भगत सिंह को बचा नहीं सके।
महात्मा गांधी के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शन
तत्कालीन भारत में भगत सिंह को मृत्युदंड की सजा से माफी दिलाने के लिए पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। लोगों ने गांधीजी के खिलाफ भी नारे लगाए और उनसे भगत सिंह का साथ देने की मांग की। सुभाष चन्द्र बोस तथा अन्य कांग्रेसी भी इस मुद्दे पर जनता के साथ थे।