राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने की सबसी बड़ी घोषणा, 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मिलेगी यह सुविधा बेल्लारी में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों (
Coronavirus Deaths ) के साथ की जा रही इस तरह की कार्रवाई का मामला सामने आया और इसका वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया। वीडियो में दिखाया गया है कि कर्नाटक के बेलारी जिले में एक बड़े गड्ढे में COVID -19 पीड़ितों के कुछ शवों को अनुचित ढंग से दफनाया जा रहा है।
इस संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, बेल्लारी जिले में COVID-19 संक्रमित लोगों के अंतिम संस्कार के दौरान कर्मचारियों का व्यवहार बहुत अमानवीय और बहुत दर्दनाक है। मैं कर्मचारियों से अनुरोध करता हूं कि आइए महसूस करें कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है।”
इससे पहले कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने यह वीडियो पोस्ट किया था जिसमें कथित रूप से पर COVID-19 रोगियों के शवों को खुले गड्ढे में फेंकते हुए स्वास्थ्य कर्मियों को दिखाया गया है। वीडियो में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट ( PPE kits ) पहने हुए स्वास्थ्य कर्मी पास में खड़े एक वाहन से काली चादर में शव लाते हुए और एक के बाद एक बड़े गड्ढे में इन्हें डालते हुए देखे जा सकते हैं।
Coronavirus vaccine को लेकर आई सबसे बड़ी खुशखबरी, Bharat Biotech ने कहा जुलाई से शुरू करेगी… घटना के संबंध में जांच का आदेश दे दिया गया है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए बेल्लारी के उपायुक्त एसएस नकुल ने कहा, “बेल्लारी में मामले बढ़ रहे हैं। कल दोपहर तक 23 मौतें हुई हैं और उसके बाद 5 और। हम शवों के निपटान के लिए भारत सरकार द्वारा जारी शव प्रबंधन के दिशा-निर्देशों ( SOPS ) का पालन कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “शवों के प्रबंधन के दौरान बॉडी बैग और अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो हमारे संज्ञान में आए थे। हमने एडीसी को इस बारे में जांच करने का काम सौंपा है। वह नोडल अधिकारी के रूप में जांच पूरी करेंगे”
डीसी बेल्लारी ने आगे कहा, “हम इस बारे में पूछताछ कर रहे हैं। यदि आप वीडियो को देखते हैं, तो शव ठीक से पैक किया जाता है। हमें इसे मानवीय आधार पर देखने की जरूरत है। यही कारण है कि यह जांच की जा रही है।”
चीन के खिलाफ भारत सरकार की बड़ी कार्रवाई, Tik ToK समेत 59 मोबाइल ऐप पर पाबंदी उन्होंने आगे कहा, “हमें इसके बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है। जरूरी कार्रवाई की जाएगी। मानक संचालन प्रक्रिया ( SOP ) में अंतिम संस्कार में इस हिस्से को सूचीबद्ध नहीं किया गया है। लेकिन मानवीय आधार पर ऐसा नहीं किया जाता है। व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। हम जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे।”
उन्होंने कहा कि जागरूकता पैदा करने और मामलों का जल्द पता लगाने में मदद के लिए कई आशा कार्यकर्ताओं को तैनात किया है। “मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे गंभीर रोगियों को ज्यादा सावधान रहना चाहिए। यदि आपमें बुखार और खांसी जैसे कोई लक्षण हैं, तो नजदीकी अस्पताल को रिपोर्ट करें।”