मंदिर में पहले की तरह उमड़े श्रद्धालु बता दें, साईं मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने पहले ही घोषणा की थी कि मंदिर ट्रस्ट बंद में शामिल नहीं है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वहीं, प्रशासन ने नासिक से भारी संख्या में शिर्डी में पुलिस बल की तैनाती की है।
बयान वापस लेने पर ही रोकेंगे आंदोलन सीएम के इस बयान से शिरडी समेत आसपास के 25 गांवों के लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उस जगह को साईं की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साईं बाबा और उनके माता-पिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं। लोगों ने चेतावनी दी- जब तक सीएम अपने बयान को वापस नहीं लेते तब तक वह आंदोलन जारी रखेंगे।
ऐसे शुरू हुआ विवाद दरअसल पीएम उद्धव ठाकरे की एक घोषणा के बाद ये विवाद शुरू हुआ। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से लगभग 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साईं की जन्मभूमि बताते हुए इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की। हालांकि साईंबाबा के जन्म को लेकर ज्यादा स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिरडी आकर बसे थे।
इससे पहले भी किया जा चुका है दावा बता दें, इससे पहले राकांपा नेता दुर्रानी अब्दुल्ला खान ने भी पाथरी को साईंबाबा का जन्मस्थान बताया था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इसके प्रर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा था- ‘‘जहां शिरडी साईंबाबा की कर्मभूमि है, वहीं पाथरी जन्मभूमि है। दोनों जगहों का अपना महत्व है।