मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Government ) ने बकरीद पर बकरे की खुले में खरीद-बिक्री पर पाबंदी लगा रखी है। सरकारी गाइडलाइंस की ओर से कुर्बानी के लिए बकरों की ऑनलाइन खरीदारी के निर्देश दिए गए हैं। मुस्लिम समाज की ओर से सवाल यह उठाया जा रहा है कि ऑनलाइन जानवर ( Animals online ) कहां मिलते हैं, सरकार इस बात की जानकारी तो दे। ताकि लोक बकरा ऑनलाइन परचेज कर उसे मंगा सकें।
लोगों का कहना है कि खुले मैदान में पशुओं की खरीदी-बिक्री पर पाबंदी से लोग चोरी-छिपे बकरे बेच रहे हैं। बकरों की दो से तीन गुनी ज्यादा वसूली जा रही है। यह एक तरह से कालाबाजारी ( Black marketing ) है। फिर बाहर से बकरा मंगाने पर सरकार ने पाबंदी लगा रखी है। इसलिए मुंबई पुलिस ( Mumbai Police ) भी शहर में बकरा लाने वालों पर मामले दर्ज कर रही है।
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र खटीक एसोसिएशन ऐंड पब्लिक ट्रस्ट के अध्यक्ष अकील ताडे कहते हैं कि कुर्बानी ( sacrifice ) के लिए ऑनलाइन पशुओं की खरीदारी की बात पर सरकार सभी को मूर्ख बना रही है। सीधी सी बात है, अगर ऑनलाइन पशु खरीदना है तो उसको भी मुंबई में लाकर रखना होगा। अब जब बकरा मुंबई लाया जाएगा तो पुलिस पकड़ती है।
दिल्ली दंगा : आरोपी शाहरुख की अदालत से गुहार, कहा – तिहाड़ जेल में आम कैदियों के साथ रहने में लगता है डर चर्चा के बाद गृहमंत्री ने जारी किए थे गाइडलाइंस बकरे की खरीद बिक्री को लेकर गाइडलाइंस बनाने से पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक, असलम शेख, विधायक अबु आसिम आजमी, विधायक अमीन पटेल, रईस शेख व अन्य मुस्लिम प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। उसके बाद ही गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दिशा-निर्देश जारी किए थे।
सीएम उद्धव ठाकरे ने जताई नाराजगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीम खान ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( CM Uddhav Thackeray ) , गृहमंत्री अनिल देखमुख, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि बकरीद के लिए बकरे की ऑनलाइन खरीदारी के निर्देश से लोग भ्रमित हैं। फिर इन नेताओं का कहना है कि इस्लाम में प्रतीकात्मक कुर्बानी नहीं होती है।
India में 50 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल पूरा, PGI Rohtak से मिले अच्छे संकेत क्या है गाइडलाइंस – सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना जरूरी। – पशुओं की प्रतीकात्मक कुर्बानी देने का सुझाव।
– खुले में पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक। – सार्वजनिक नमाज अदा करने पर पाबंदी जैसे अन्य मुद्दे शामिल हैं।