अयोध्या फैसले पर केजरीवाल और प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया, कहा सौहार्द बनाए रखें देशवासी सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया था फैसला पांच सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई छह अगस्त को शुरू की थी, जिसके बाद 40 दिन तक प्रतिदिन सुनवाई करने के बाद पीठ ने 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने अपने फैसले में विवादित भूमि के अंदरूनी और बाहरी चबूतरे को एक ट्रस्ट के सदस्यों को मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया है।
इलाहाबाद HC ने जमीन को बांटा था तीन हिस्सों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2010 में अपने फैसले में विवादित 2.77 एकड़ भूमि को तीनों पक्षों- राम लला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बराबर बांट दिया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्यों ने शनिवार को सर्वसम्मति से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए विवादित जमीन राम लला को सौंप दी।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर हलचल बढ़ी 1,045 पन्नों में लिखा गया फैसला प्रधान न्यायाधीश ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से मुलाकात कर राज्य में कानून-व्यवस्था की वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी। इसके बाद रात नौ बजे सुप्रीम कोर्ट ने अपनी वेबसाइट पर शनिवार को फैसला सुनाने की अधिसूचना जारी कर दी। फैसला 1,045 पन्नों में लिखा गया। पांच सदस्यीय पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि दे।