उल्लेखनीय है कि के. के. वेणुगोपाल ने एक जुलाई 2017 को अटॉर्नी जनरल के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने अपने पूर्ववर्ती मुकुल रोहतगी के स्थान पर केन्द्र सरकार में शीर्ष कानून अधिकारी का पद ग्रहण किया था। उनका कार्यकाल गत वर्ष ही समाप्त होना था परन्तु उनके अनुरोध तथा 90 वर्षीय वेणुगोपाल के अनुभवों को देखते हुए मोदी सरकार ने उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया था। इस समय भी देश के सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई चल रही है, ऐसे में सरकार का मानना है कि वेणुगोपाल जैसे वरिष्ठ और अनुभवी कानूनविद का साथ होना सरकार के लिए हर तरह से बेहतर रहेगा।
पिछले कुछ समय में अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कई अति महत्वपूर्ण मामलों पर केन्द्र सरकार का पक्ष कोर्ट में सफलतापूर्वक रखा है। इनमें धारा 370 के प्रावधान खत्म करना, राफेल लड़ाकू विमान मामला, आईपीसी के सेक्शन 124 ए को चुनौती देना तथा हाल ही में मोदी सरकार की ओर से किए जा रहे कोविड मैनेजमेंट जैसे महत्वपूर्ण केस हैं।
वेणुगोपाल का जन्म एक दिग्गज बैरिस्टर एम. के. नाम्बियर के यहां वर्ष 1931 में हुआ था। उन्हें वर्ष 2002 में पद्मभूषण पुरस्कार तथा वर्ष 2015 में पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह आज 90 वर्ष की उम्र में आज भी पूरी तरह से सक्रिय है।