खास बात यह है कि अंतरिक्ष यात्री अपने साथ घर जैसे खाना लेकर जा सकेंगे। इसमें बिरयानी, खिचड़ी और अचार प्रमुख रूप से शामिल है। यही नहीं खाने की इन डिशेज को दो साल को प्रयोग के बाद तैयार किया गया है।
मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों जारी किया सबसे बड़ा अलर्ट, बर्फबारी के बीच बारिश बढ़ा सकती है मुश्किल मिशन गगनयान को लेकर इसरो लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है। इस बहुचर्चित मिशन पर जान वाले अंतरिक्ष यात्रियों के रहने से लेकर खाने-पीने तक की चीजों पर पिछले लंबे समय से काम किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि अंतरिक्ष यात्रियों को घर जैसे खाने की चीजें दी जा सकें।
इसी कोशिश के बीच अब ये यात्री अपने साथ खिचड़ी, बिरयानी और आचार जैसी डिशेज ले जा सकेंगे। दरअसल, यह खाना दो सालों के प्रयोग के बाद मिलिट्री लैब में बनाया गया है। खाने में इस्तेमाल होने वाले अवयवों को लेकर दो साल तक प्रयोग करने के बाद कुछ खास डिसेज को अंतरिक्ष में ले जाने की अनुमति दी गई है।
पोषक तत्वों का रखा गया ध्यान
डिफेंस फूड रिसर्च लैबोरेटरी (DFRL) के वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बनाए गए खाने में पोषक पदार्थों का खास ध्यान रखा गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया किस तरह हत्थे चलढ़ा लालकिले में बवाल का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू
डिफेंस फूड रिसर्च लैबोरेटरी (DFRL) के वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बनाए गए खाने में पोषक पदार्थों का खास ध्यान रखा गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया किस तरह हत्थे चलढ़ा लालकिले में बवाल का मुख्य आरोपी दीप सिद्धू
एक दिन में तीन बार खाएंगे खाना
इसके अलावा जीरो ग्रेविटी के चलते लो फ्रेग्मेंटेशन का भी ध्यान रखा गया है। यात्री अंतरिक्ष में तीन बार खाना खाएंगे। हर डायट में तकरीबन 2,500 कैलोरी ऊर्जा होगी।
इसके अलावा जीरो ग्रेविटी के चलते लो फ्रेग्मेंटेशन का भी ध्यान रखा गया है। यात्री अंतरिक्ष में तीन बार खाना खाएंगे। हर डायट में तकरीबन 2,500 कैलोरी ऊर्जा होगी।
अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाना स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) के साथ मिलकर बनाया है।
दरअसल अमरीकी अंतरिक्ष यात्री अपने स्वादानुसार खाना अंतरिक्ष में ले जाते हैं। रूसी अंतरिक्ष यात्री अपने स्वादानुसार खाना ले जाते हैं। ऐसे में इसरो ने भी अपने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अपनी पसंद का खाना ले जा सकें इसको लेकर काफी प्रयोग किए। इन प्रयोगों के बाद घर के खाने जैसा मैन्यू तैयार हुआ।
दरअसल अमरीकी अंतरिक्ष यात्री अपने स्वादानुसार खाना अंतरिक्ष में ले जाते हैं। रूसी अंतरिक्ष यात्री अपने स्वादानुसार खाना ले जाते हैं। ऐसे में इसरो ने भी अपने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए अपनी पसंद का खाना ले जा सकें इसको लेकर काफी प्रयोग किए। इन प्रयोगों के बाद घर के खाने जैसा मैन्यू तैयार हुआ।
7 दिन लंबी होगी यात्रा
अंतरिक्ष की यह यात्रा सात दिन लंबी होगी। इस दौरान चिकन बिरयानी, चिकन कोरमा, शाही पनीर, दाल-चावल, आलू पराठा, विशेष रूप से तैयार की हुई चपाती, दाल मखनी, खिचड़ी और सॉस में बीन्स जैसी स्वादिष्ट डिसेज मौजूद रहेंगी।
अंतरिक्ष की यह यात्रा सात दिन लंबी होगी। इस दौरान चिकन बिरयानी, चिकन कोरमा, शाही पनीर, दाल-चावल, आलू पराठा, विशेष रूप से तैयार की हुई चपाती, दाल मखनी, खिचड़ी और सॉस में बीन्स जैसी स्वादिष्ट डिसेज मौजूद रहेंगी।
लैब में तैयार हुआ खास आचार
अंतरिक्ष यात्री अपने साथ जो आचार ले जाएंगे उसे मैसूर में मौजूद डिफेंस फूड रिसर्च लैब में बनाया गया। डीएफआरएल स्पेस फूड रिसर्च एंड लॉजिस्टिक विंग ने अपने उत्पादों को पिछले हफ्ते यालाहंका में एरो-इंडिया 2021 उत्सव में प्रस्तुत किया था।
अंतरिक्ष यात्री अपने साथ जो आचार ले जाएंगे उसे मैसूर में मौजूद डिफेंस फूड रिसर्च लैब में बनाया गया। डीएफआरएल स्पेस फूड रिसर्च एंड लॉजिस्टिक विंग ने अपने उत्पादों को पिछले हफ्ते यालाहंका में एरो-इंडिया 2021 उत्सव में प्रस्तुत किया था।
इसमें मूंग दाल-चावल, सूजी हलवा और कई स्वाद वाले एनर्जी बार प्रस्तुत किए गए थे।