कई व्यापारिक संगठनों ने लंबे समय तक बंद का आह्वान भी किया, लेकिन वक्त और हालात धीरे-धीरे बदले और ये बंद भी खत्म हुआ। अब वादी तरक्की की राह पर आगे बढ़ रही है। Article 370 and 35A हटाए जाने के महज दो वर्षों में व्यापार से लेकर रोजगार तक नए अवसर खुले हैं। आतंक की कमर टूटने से भी कई क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है। विरोध के स्वर भी गरम से नरम पड़े हैं।
यह भी पढ़ेंः Article 370 and 35A: स्पेशल स्टेटस समाप्त होने के बाद कितना बदला स्थानीय प्रशासन का क्या रुख? राज्य के सियासी दलों से जुड़े नेताओं की भाषा बदली है। पीएम मोदी ने दो साल बाद इन नेताओं से बात कर हालातों को और सरल करने की ओर कदम बढ़ाया है। वहीं, अलगाववादी नेताओं का असर अब जमीन पर नहीं नजर आ रहा है।
एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में निवेश के अवसर
जम्मू-कश्मीर की जमीन पर आर्टिक 370 और 35 ए ( Article 370 and 35A ) हटाए जाने के बाद हालातों में काफी बदलाव आ चुका है। अब घाटी की जमीन पर औद्योगिक विकास की लकीर उभरने लगी है। व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। एक दो नहीं बल्कि दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़े हैं।
जम्मू-कश्मीर की जमीन पर आर्टिक 370 और 35 ए ( Article 370 and 35A ) हटाए जाने के बाद हालातों में काफी बदलाव आ चुका है। अब घाटी की जमीन पर औद्योगिक विकास की लकीर उभरने लगी है। व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। एक दो नहीं बल्कि दर्जन से ज्यादा क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़े हैं।
एक वक्त था जब सामाजिक और व्यापारी संगठनों ने इन धाराओं के हटाए जाने का पुरजोर विरोध किया। लंबे समय तक व्यापार बंद रखने तक का आह्वान किया गया, लेकिन समय के साथ सोच में परिवर्तन आया।
गरम रुख वक्त की परतों के बीच नरम पड़ने लगा। वजह साफ थी विकास की राह दिखने लगी थी। संगठनों को भी समझ आ रहा था कि प्रदेश में अब निवेश बढ़ रहा है और घाटी के नए युग की शुरुआत हो रही है।
सरकार की ओर से बढ़ाए गए कदम
दो वर्षों के अंदर घाटी में रोजगार और व्यापार को पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से भी कदम बढ़ाए गए हैं। सरकार राज्य में डोमेसाइल के नियम लागू कर रही है, जिससे वहां व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ें।
राज्य से बाहर के लोगों के निवेश करने से वहां व्यापार और उद्योग के अवसर बढ़ भी रहे हैं।
दो वर्षों के अंदर घाटी में रोजगार और व्यापार को पटरी पर लाने के लिए सरकार की ओर से भी कदम बढ़ाए गए हैं। सरकार राज्य में डोमेसाइल के नियम लागू कर रही है, जिससे वहां व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ें।
राज्य से बाहर के लोगों के निवेश करने से वहां व्यापार और उद्योग के अवसर बढ़ भी रहे हैं।
बेझिझक आ रहे निवेशक
Article 370 and 35A हटने के बाद करीब डेढ़ वर्ष में ही घाटी में व्यापार-व्यवसाय के दरवाजे खुलते नजर आने लगे। निवेशक बेझिझक घाटी की ओर बढ़ रहे हैं। नई औद्योगिक नीति का असर नजर आने लगा है। 18 महीनों के अंतराल में ही 14 क्षेत्रों में निवेश आने लगा।
Article 370 and 35A हटने के बाद करीब डेढ़ वर्ष में ही घाटी में व्यापार-व्यवसाय के दरवाजे खुलते नजर आने लगे। निवेशक बेझिझक घाटी की ओर बढ़ रहे हैं। नई औद्योगिक नीति का असर नजर आने लगा है। 18 महीनों के अंतराल में ही 14 क्षेत्रों में निवेश आने लगा।
कनाडा के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग में संभावना तलाशीं। इसके अलावा अबुधाबी स्थित लुलु ग्रुप 60 करोड़ के निवेश के लिए समझौता किया। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र से जुड़े देश के तीन बड़े समूह भी 3,325 करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव जमा करा चुके हैं।
निवेशों के ये समझौते इस बात का सबूत हैं कि विरोध पर विकास भारी पड़ रहा है। रोजगार और व्यापार का खुला क्षेत्र व्यवासियों को अब लुभाने लगा है। इन क्षेत्रों में बदले हालात
आर्टिकल 370 और 35 ए ( Article 370 and 35A ) हटाए जाने के बाद कई क्षेत्रों में हालात बदले हैं। इनमें पर्यटन, फिल्म पर्यटन, बागवानी, फसल कटाई के बाद का प्रबंधन, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, रेशम, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, उत्पादन, आइटी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा व रियल एस्टेट, हथकरघा व हस्तकला और शिक्षा शामिल हैं।
आर्टिकल 370 और 35 ए ( Article 370 and 35A ) हटाए जाने के बाद कई क्षेत्रों में हालात बदले हैं। इनमें पर्यटन, फिल्म पर्यटन, बागवानी, फसल कटाई के बाद का प्रबंधन, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, रेशम, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, उत्पादन, आइटी, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा व रियल एस्टेट, हथकरघा व हस्तकला और शिक्षा शामिल हैं।
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इस वजह से नरम पड़ रहे रुख
साल 2019 के मुकाबले 2020 में घाटी में आतंकी घटनाओं में 59 फीसद की कमी आई, जबकि जून, 2021 तक पिछले साल के मुकाबले आतंकी घटनाओं में 32 फीसद की कमी दर्ज की गई है।
इस वजह से नरम पड़ रहे रुख
साल 2019 के मुकाबले 2020 में घाटी में आतंकी घटनाओं में 59 फीसद की कमी आई, जबकि जून, 2021 तक पिछले साल के मुकाबले आतंकी घटनाओं में 32 फीसद की कमी दर्ज की गई है।
घाटी में व्यापारियों की हिम्मत आतंक टूटती कमर से भी खुली है। उनके रुख में नरमी की वड़ी वजह सरकार साथ और विकास के बढ़ता हाथ भी माना जा रहा है। छिटपुट विरोध को छोड़ दें तो अब व्यापारिक संगठन काम करना चाहते हैं आगे बढ़ना चाहते हैं।
अब नहीं दिख रहा वैसा विरोध
इस वर्ष फरवरी में इंटरनेट और 4जी कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई, जिससे 18 महीने की बंदी का अंत हुआ। सभी राजनैतिक बंदी रिहा कर दिए गए हैं। कोई वैसा विरोध प्रदर्शन नहीं दिख रहा, जैसा 2019 में दिखा था।
इस वर्ष फरवरी में इंटरनेट और 4जी कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई, जिससे 18 महीने की बंदी का अंत हुआ। सभी राजनैतिक बंदी रिहा कर दिए गए हैं। कोई वैसा विरोध प्रदर्शन नहीं दिख रहा, जैसा 2019 में दिखा था।