जम्मू-कश्मीर में प्रीपेड सिमकार्ड पर वॉयस और एसएमएस सुविधा बहाल अफजल गुरु ने भी किया था सिंह के नाम का जिक्र सिंह को हाल ही में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह भी पता चला है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने अपने अधिवक्ता को लिखे पत्र में सिंह के नाम का उल्लेख किया था। सूत्रों के अनुसार- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अब सिंह के 2005 के पत्र की भी जांच करेगी।
2005 पकड़े गए थे चार आतंकी आईबी के सूत्रों के अनुसार- दिल्ली पुलिस ने 1 जुलाई, 2005 को गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 50,000 रुपए की नकली मुद्रा के अलावा हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ था। चार आतंकवादियों में से दो की पहचान साकिब रहमान उर्फ मसूद और हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद के रूप में हुई थी।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा का हमला, राहुल को जिताकर केरल ने उठाया विनाशकारी कदम सिंह की ओर से लिखा गया पत्र जब्त एक सूत्र ने कहा कि- “जांच के दौरान पुलिस ने पालम एयर बेस का एक स्केच और साथ ही डार से सिंह की ओर से लिखा गया एक पत्र भी जब्त किया। ” सूत्र ने कहा कि, “पत्र पर सिंह के हस्ताक्षर थे, जो उस समय जम्मू एवं कश्मीर में सीआईडी के डिप्टी एसपी थे। पत्र में लिखा था कि पुलवामा के निवासी डार को पिस्तौल (पंजीकरण संख्या के.14363) और एक वायरलेस सेट ऑपरेशन ड्यूटी के लिए ले जाने की अनुमति है।” सूत्र ने कहा कि इस पत्र में सभी सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी सत्यापन के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने को कहा गया था।
कलबुर्गी हत्या मामले की निगरानी नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट सिंह की लैटरपैड पर लिखा गया था पत्र खास बात यह है कि यह पत्र सिंह के लैटरपैड पर लिखा गया था। सूत्र ने आगे कहा कि डार की गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद दिल्ली पुलिस श्रीनगर गई और उसके घर पर छापा मारा जहां से उन्होंने 10 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल) ग्रेनेड और एक वायरलेस सेट बरामद किया। इसके अलावा पुलिस टीम ने साहिब रहमान की श्रीनगर स्थित दो मंजिला इमारत से एक एके-47, 2 मैगजीन, 130 जिंदा कारतूस, दो हथगोले और तीन यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद किए थे।
ISI के निर्देशों पर कर रहे थे काम सूत्र ने कहा कि अदालत में अपनी चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि डार और रहमान ने खुलासा किया था कि वे पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के निर्देशों के अनुसार काम कर रहे थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगियों और उनके पास रखे हथियारों और गोला-बारूद के बारे में भी जानकारी दी थी।