एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रेवल के कार्यालय से एक पत्र नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के निदेशक शक्ति सिन्हा को भेजा गया। इस पत्र में दावा किया गया है कि इमारत की प्रस्तावित डिजाइन में छत पर बनाए गए अशोक चक्र को उनकी मूल डिजाइन से लिया गया है।
बुधवार को भेजे गए पत्र में लिखा गया है, “वास्तव में, यह इमारत 22 एकड़ जमीन पर बने पूरे परिसर में आकर्षण का केंद्र (मुख्य आकर्षण) है। इस परिसर और उसमें विशेषरूप से लाइब्रेरी की डिजाइन देश-विदेश की तमाम आर्किटेक्चर मैग्जीन में प्रमुख रूप से छप चुकी है, जिसे इसकी इन्नोवेटिव डिजाइन के लिए व्यापक प्रशंसा मिली है।”
दिलचस्प बात यह है कि यह आरोप संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा इस म्यूजियम की आधारशिला रखने के कुछ दिन बाद ही यह आरोप सामने आ गए हैं।
इस इमारत की आधारशिला रखने के दौरान महेश शर्मा ने कहा था कि इस संग्रहालय की कीमत तकरीबन 271 करोड़ रुपये आएगी और यह एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी। इस संग्रहालय में आधुनिक भारत के प्रधानमंत्रियों, उनके जीवन, कार्यों और राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए विशिष्ट योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “फिलहाल, हमारे यहां भारत के तीन प्रधानमंत्रियों को समर्पित ही स्मृति भवन हैं, इनमें जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी… इस संग्रहालय में भविष्य के प्रधानमंत्री भी शामिल किए जा सकेंगे… यहां केवल प्रधानमंत्री की जानकारी ही नहीं बल्कि उनके जीवन से मिलने वाले संदेश भी होंगे।”