scriptबनने से पहले ही विवादों में घिरा प्रधानमंत्री म्यूजियम, आर्किटेक्ट ने किया डिजाइन की नकल का दावा | Architect starts controversy in India PM Museum for design | Patrika News
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बनने से पहले ही विवादों में घिरा प्रधानमंत्री म्यूजियम, आर्किटेक्ट ने किया डिजाइन की नकल का दावा

राजधानी में तीन मूर्ति कॉम्प्लेक्स पर भारतीय प्रधानमंत्रियों का निर्माणाधीन संग्रहालय विवादों में घिर गया है। एक आर्किटेक्ट ने दावा किया है कि संग्रहालय की इमारत की डिजाइन उसकी रोहतक में बनाई गई इमारत से नकल की गई है।

Museum of Prime Ministers

प्रधानमंत्री संग्रहालय

नई दिल्ली। राजधानी में तीन मूर्ति कॉम्प्लेक्स पर भारतीय प्रधानमंत्रियों का निर्माणाधीन संग्रहालय विवादों में घिर गया है। एक आर्किटेक्ट ने दावा किया है कि संग्रहालय की इमारत की डिजाइन उसकी रोहतक में बनाई गई इमारत से नकल की गई है। 84 वर्षीय राज रेवल ने आरोप लगाया कि पीएम म्यूजियम की इमारत की डिजाइन, रोहतक में उनके द्वारा बनाए गए स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ पर्फामिंग एंड विजुअल आर्ट्स के लाइब्रेरी ब्लॉक से मिलती-जुलती है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रेवल के कार्यालय से एक पत्र नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के निदेशक शक्ति सिन्हा को भेजा गया। इस पत्र में दावा किया गया है कि इमारत की प्रस्तावित डिजाइन में छत पर बनाए गए अशोक चक्र को उनकी मूल डिजाइन से लिया गया है।
बुधवार को भेजे गए पत्र में लिखा गया है, “वास्तव में, यह इमारत 22 एकड़ जमीन पर बने पूरे परिसर में आकर्षण का केंद्र (मुख्य आकर्षण) है। इस परिसर और उसमें विशेषरूप से लाइब्रेरी की डिजाइन देश-विदेश की तमाम आर्किटेक्चर मैग्जीन में प्रमुख रूप से छप चुकी है, जिसे इसकी इन्नोवेटिव डिजाइन के लिए व्यापक प्रशंसा मिली है।”
https://twitter.com/dr_maheshsharma/status/1051758474252685313?ref_src=twsrc%5Etfw
दिलचस्प बात यह है कि यह आरोप संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा इस म्यूजियम की आधारशिला रखने के कुछ दिन बाद ही यह आरोप सामने आ गए हैं।
इस इमारत की आधारशिला रखने के दौरान महेश शर्मा ने कहा था कि इस संग्रहालय की कीमत तकरीबन 271 करोड़ रुपये आएगी और यह एक साल में बनकर तैयार हो जाएगी। इस संग्रहालय में आधुनिक भारत के प्रधानमंत्रियों, उनके जीवन, कार्यों और राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए विशिष्ट योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “फिलहाल, हमारे यहां भारत के तीन प्रधानमंत्रियों को समर्पित ही स्मृति भवन हैं, इनमें जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी… इस संग्रहालय में भविष्य के प्रधानमंत्री भी शामिल किए जा सकेंगे… यहां केवल प्रधानमंत्री की जानकारी ही नहीं बल्कि उनके जीवन से मिलने वाले संदेश भी होंगे।”
https://twitter.com/dr_maheshsharma?ref_src=twsrc%5Etfw

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