पाकिस्तान से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर पठानकोट
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि सही तरीके से असेबलिंग किए जाने के बाद हेलीकॉप्टर हमें सौंपे जाएंगे। इसी प्रकार के चार और हेलीकॉप्टर अगले सप्ताह आएंगे। वायुसेना को सितंबर में औपचारिक रूप से सौंपे जाने के बाद सभी आठ हेलीकॉप्टर पंजाब के पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन में तैनात किए जाएंगे।
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क्यों हो रही पठानकोट में तैनाती
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन से पाकिस्तान सीमा से महज 154 किलोमीटर दूर है। वहीं दिल्ली से पठानकोट की दूरी 479 किलोमीटर है। पठानकोट सीमा के जरिए पाकिस्तान लगातार घुसपैठ की कोशिश करता है। ऐसे में कयास है कि पाक की नकेल कसने और कभी भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपाचे की तैनाती Pathankot air base पर रही है। 2016 में पाकिस्तानी आतंकियों ने एयरबेस पर हमला भी किया था।
2020 तक आएंगे 22 हेलीकॉप्टर
रक्षा मंत्रालय ने 22 AH-64E अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर के उत्पादन, प्रशिक्षण और सपोर्ट के लिए 2015 में ऑर्डर को अंतिम रूप प्रदान किया था। बोइंग 2020 तक सभी 22 अपाचे हेलीकॉप्टर आईएएफ को संचालन के लिए सुपुर्द करेगी।
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अपाचे रखने वाला 14वां देश भारत
AH-64E दुनिया का सबसे एडवांस्ड मल्टीरोल कंबैट हेलीकॉप्टर है और इसका इस्तेमाल American Yrmy समेत कई अंतर्राष्ट्रीय रक्षा बलों द्वारा किया जाता है। बोइंग ने अब तक दुनियाभर में अपने ग्राहकों को 2,200 अपाचे हेलीकॉप्टर प्रदान किए हैं। अपाचे का चयन करने वाला भारत दुनिया का 14वां देश है।
क्यों खास है AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर
AH-64E में सबसे हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें 30 मिलीमीटर की मशीन गन लगी है। जो एक बार में 1200 राउंड तक फायरिंग कर सकती है। यह एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है। इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह कर सकती है। ऐसी तमाम खूबियों की वजह से अपाचे दुनिया का सर्वोत्तम हमलावर हेलीकॉप्टर बना हुआ है।