इन कर्मचारियों पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
राज्य के ऊर्जा सचिव श्रीकांत नागुलपल्ली ने कहा कि एपी लिमिटेड के नई और नवीकरणीय ऊर्जा विकास निगम को सहकारी समितियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और पेंशनभोगियों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक बाइक प्रदान करने के लिए ईएमआई योजना संचालित करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। उन्होंने कहा कि इस स्कीम में गांव/वार्ड सचिवालय के कर्मचारियों और कम वेतन वाले कर्मचारियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस संबंध में जल्द ही एक सरकारी आदेश जारी किया जाएगा। इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार राज्य को ई-वाहन हब ई-मोबिलिटी के समग्र कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना के साथ आने वाली है। राज्य ने पहले ही अपनी ई-व्हीकल पॉलिसी को जारी कर दिया है। जिससे स्पलाई और डिमांड पक्ष दोनों के हितधारकों को प्रोत्साहन मिला।
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राज्य को ईवी हब बनाने के प्रयास
सरकार प्लग के साथ ईवी पार्क विकसित करने और आंतरिक बुनियादी ढांचे, सामान्य सुविधाओं और आवश्यक बाहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 से 1,000 एकड़ भूमि आवंटित कर रही है। ईवीएस के लिए विशिष्ट ऑटो क्लस्टर और ऑटोमोटिव सप्लायर्स मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के डेवलपर्स को निश्चित पूंजी निवेश पर लगभग 50 फीसदी वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। निजी चार्जिंग स्टेशनों, और हाइड्रोजन और फ्यूल भरने के बुनियादी ढांचे को वित्तीय प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। श्रीकांत ने कहा कि राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पहले से ही एक अलग सब कैटेगिरी बनाई है और ईवीएस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बिजली की दर 6.70 रुपए प्रति यूनिट तय की गई है।
प्रदेश में कितने चार्जिंग स्टेशन
उर्जा सचिव के अनुसार ईईएसएल ने पहले ही आंध्र प्रदेश में 80 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं और विभिन्न सरकारी विभागों को 300 ई-कारों की आपूर्ति की है। अब राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर में 73 स्थानों पर 400 और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है।