पुलिस को जब यह बात पता चली तो उन्होंने बच्चे का जन्मदिन धूमधाम से मनाने का फैसला किया। फिर क्या था, थाने में केक कटा, मिठाइयां बंटी, गिफ्ट दिए गए और बच्चे की जिद्द पूरी होने के बाद उसकी खुशी देखकर बाकी सब भी खुश हो गए। वहीं, अरहम के लिए भी उसका यह जन्मदिन यादगार बन गया। पुलिस की मुस्तैदी और संवेदनशीलता की वजह से न सिर्फ अरहम को खुशी मिली, जबकि वह अपने परिवार से बिछडऩे से भी बच गया।
देहरादून की नेहरू नगर कॉलोनी के रिस्पाना क्षेत्र में एक छोटा बच्चा साइकिल से अकेले ही बिजनौर जा रहा था। यह बात पुलिस को पता चली। तुरंत थाने से कुछ पुलिसकर्मी रिस्पाना पहुंचे और उसे अपने साथ थाने ले आए। थाने में बाल कल्याण अधिकारी को इसकी सूचना दी गई। अधिकारी ने बच्चे से जब उसके इस कदम के बारे में पूछा तो उसने अपना नाम अरहम और पिता का नाम मतलूब बताया। हालांकि, वह अपने घर की जानकारी ठीक से नहीं दे पाया। मगर पुलिस ने उसकी तस्वीर और कुछ जानकारी व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर की, जिससे थोड़ी देर बाद उसके माता-पिता की जानकारी मिल गई। पुलिस ने अरहम को उसके पिता के सिपुर्द कर दिया है।
बाल अधिकारी ने जब 9 साल के अरहम से उसके इस तरह अकेले जाने को लेकर पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि आज उसका जन्मदिन है। अरहम ने बताया कि आज उसका जन्मदिन है। पिता ने जन्मदिन नहीं मनाया और जब उसने जिद्द की तो उन्होंने उसे डांटा भी। इससे नाराज होकर वह साइकिल से अपने नाना के घर बिजनौर जाने के लिए निकल पड़ा। थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को जब यह बात पता लगी, तो उन्होंने तुरंत उसका जन्मदिन मनाने की तैयारी शुरू कर दी। केक और गिफ्ट मंगाकर पुलिस ने उसकी इच्छा को पूरा किया।
थाने में बच्चा जब अपने घर की सही जानकारी नहीं दे सका, तो पुलिस ने उसके माता-पिता की तलाश अपने स्तर पर शुरू कर दी। उन्होंने अरहम की तस्वीर और जानकारी व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर की। थोड़ी देर बाद जानकारी मिलने पर उसे पिता के सिपुर्द कर दिया गया। इस तरह अरहम का जन्मदिन उसके लिए यादगार बन गया।