वायरल वीडियो से साफ है कि रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगो को वहां से हटाने की कोशिश की गई होती तो शायद इतना भीषण हादसा नहीं होता। विरोधियों का सवाल है कि क्या मंच से इस तरह के दावे करके कैबिनेट मंत्री की पत्नी को दशहरा उत्सव के लिए लोगों का उत्साह दिखाया जा रहा था या शक्ति प्रदर्शन दिखाया जा रहा था। मंच से संबोधन करने वाला उद्घोषक नवजोत कौर सिद्धू के सामने इस बात की हुंकार भर रहा था। मैडम इधर देखें, कोई चिंता की बात नहीं है। भले ही पांच सौ गाडि़यां गुजर जाएं ये लोग ट्रैक पर ही खड़े रहेंगे।
इस वीडियो में नवजोत कौर सिद्धू को संबोधित करते हुए इस बात का भी दावा किया जा रहा है कि रावण में 5,000 से ज्यादा बम भरे हुए हैं। जब आप इसे अग्निभेंट करेंगे तो देखना कि कैसी धमाल पड़ेगी इन बमों की। वैसे तो एक ही बम बहुत है पाकिस्तान को खत्म करने के लिए लेकिन यह बदी पर नेकी की जीत का त्योहार है इसलिए 5,000 से ज्यादा बम इसमें भरे हुए हैं। वीडियो में उद्घोषक एक बार भी लोगों को रेल ट्रैक से हटने की अपील करते नहीं दिख रहा है। वहां से हटने की कोई अपील नहीं की गई। अब सवाल इस बात को लेकर उठाए जा रहे हैं कि जब उद्घोषक ऐसी बातें कह रहा था तो नवजोत कौर सिद्धू ने खुद माइक पकड़कर लोगों को ट्रैक से हटने की अपील क्यों नहीं की? हालांकि इससे कुछ देर पहले की एक वीडियो में मंच से अपनी कला का प्रदर्शन करने वाला एक गायक ट्रैक पर खड़े लोगों से बार-बार यह अपील करते हुए सुना गया कि लोगों को ट्रैक से हट जाना चाहिए। वह कहता है यहां पर मौजूद लोग स्थानीय हैं और सभी जानते हैं कि यहां से ट्रेन गुजरने का समय क्या है। इसलिए ट्रेन के समय ट्रैक से हट जाएं।
दूसरी तरफ नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि मंच से पांच-छह बार घोषणा हुई कि लोग रेल ट्रैक छोड़कर मैदान के अंदर आ जाएं। वहां बहुत जगह है लेकिन लोगों ने सुनी नहीं। रावण जल रहा होता है तो उनका ध्यान नहीं होता। सब वीडियो बना रहे थे। यहां तक कि पीछे खड़े लोगों को पता नहीं चला कि ट्रेन आ गई। वे वीडियो बना रहे थे। उन्होंने इस घटना के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि रावण दहन के समय सभी का ध्यान रावण की तरफ था। लेकिन क्या फाटक बंद करने वाले को भी नहीं पता था कि ट्रेन आ रही है और ट्रैक पर लोग खड़े हैं। वह ट्रेन को अलर्ट करना चाहिए था ताकि ट्रेन स्लो हो सकती।