पीएम मोदी ने कहा- समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए बाबासाहेब का संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा। यह भी पढ़ेंः Ambedkar Jayanti 2021 Date And Day: इस दिन है डॉ. आम्बेडकर जयंती, जानें क्यों है खास बाबासाहेब की 130वीं जयंती मना रहा देश
डॉ. भीमराव आंबेडकर की 130वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए उन्हें नमन किया। पीएम मोदी ने लिखा- भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। समाज के वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए किया गया उनका संघर्ष हर पीढ़ी के लिए एक मिसाल बना रहेगा।
मध्य प्रदेश के महु में हुआ जन्म
भारत के संविधान के निर्माता भीमराव आंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महु में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। जबकि 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत बाबासाहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
2015 से आंबेडकर जयंती को देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है।
भारत के संविधान के निर्माता भीमराव आंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महु में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। जबकि 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत बाबासाहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
2015 से आंबेडकर जयंती को देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है।
आधुनिक भारत पर गहरा असर
एक सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में आंबेडकर की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा असर हुआ है। बाबासाहेब ने हमारी पीढ़ी को दिया समानता का भाव। एक धर्म में बंधने की सोच, महिलाओं को प्रगति का आधार, शिक्षा के प्रति जागरूक जैसी न जानें कितनी बातें जो उनके विचारों के जरिए हमारी पीढ़ी को बतौर विरासत मिलीं।
एक सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में आंबेडकर की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा असर हुआ है। बाबासाहेब ने हमारी पीढ़ी को दिया समानता का भाव। एक धर्म में बंधने की सोच, महिलाओं को प्रगति का आधार, शिक्षा के प्रति जागरूक जैसी न जानें कितनी बातें जो उनके विचारों के जरिए हमारी पीढ़ी को बतौर विरासत मिलीं।
यह भी पढ़ेंः 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती पर मनाएं ‘दलित दीवाली’ : Akhilesh Yadav डॉ. आम्बेडकर के विचार मौजूदा समय में भी प्रासंगिक हैं। उनके विचार बताते हैं कि उन्होंने आने वाली पीढ़ी के लिए क्या योगदान दिया। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख विचार… – जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते,कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके लिये बेमानी है।
– समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
– मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है
– मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है
– शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो
– समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
– मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है
– मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है
– शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो
बौद्ध धर्म को माना सर्वश्रेष्ठ
बाबासाहेब वैसे तो हर धर्म को समान मानते थे, लेकिन उनके विचारों में जो सबसे अच्छा धर्म था वो था बौद्ध धर्म। उन्होंने कहा था- ‘मैं बुद्ध के धर्म को सबसे अच्छा मानता हूं, इससे किसी धर्म की तुलना नहीं की जा सकती है। यदि एक आधुनिक व्यक्ति जो विज्ञान को मानता है, उसका धर्म कोई होना चाहिए, तो वह धर्म केवल बौद्ध धर्म ही हो सकता है सभी धर्मों के घनिष्ठ अध्ययन के पच्चीस वर्षों के बाद यह दृढ़ विश्वास मेरे बीच बढ़ गया है।’
बाबासाहेब वैसे तो हर धर्म को समान मानते थे, लेकिन उनके विचारों में जो सबसे अच्छा धर्म था वो था बौद्ध धर्म। उन्होंने कहा था- ‘मैं बुद्ध के धर्म को सबसे अच्छा मानता हूं, इससे किसी धर्म की तुलना नहीं की जा सकती है। यदि एक आधुनिक व्यक्ति जो विज्ञान को मानता है, उसका धर्म कोई होना चाहिए, तो वह धर्म केवल बौद्ध धर्म ही हो सकता है सभी धर्मों के घनिष्ठ अध्ययन के पच्चीस वर्षों के बाद यह दृढ़ विश्वास मेरे बीच बढ़ गया है।’