दरअसल मुंबई क्राइम ब्रांच के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद से हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। मंगलवार का दिन भी ऐसे एक नए खुलासे के नाम रहा। एनआईए को मिले सबूत के मुताबिक स्कॉर्पियो कार चोरी ही नहीं हुई थी। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
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मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली संदिग्ध कार स्कॉर्पियो को लेकर एआईए ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए को मिले सबूत के मुताबिक सचिन वाजे ने अपनी सोसायटी का सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवाया था, जिसे एनआईए ने फिर से हासिल कर लिया है।
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर मिली संदिग्ध कार स्कॉर्पियो को लेकर एआईए ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए को मिले सबूत के मुताबिक सचिन वाजे ने अपनी सोसायटी का सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवाया था, जिसे एनआईए ने फिर से हासिल कर लिया है।
इससे पता चला कि स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी। यह 18 से 24 फरवरी के बीच वाजे की सोसायटी में खड़ी पाई गई है। एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि सचिन वाजे ने अपनी सोसायटी का सीसीटीवी फुटेज डिलीट करवा दिया था। इस सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो कभी चोरी नहीं हुई थी।
यह स्कॉर्पियो सात दिन 18 से 24 फरवरी के बीच कई बार सचिन वाजे की सोसाइटी में नजर आई। कार में नहीं हुई कोई फोर्स एंट्री
मामले की जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी उसमें इस बात का खुलासा हुआ कि स्कॉर्पियो में कभी भी कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई। बल्कि इस कार को डुप्लीकेट या फिर इसी की चाबी से खोला और ऑपरेट किया गया।
मामले की जांच के दौरान फॉरेंसिक टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी उसमें इस बात का खुलासा हुआ कि स्कॉर्पियो में कभी भी कोई फोर्स एंट्री नहीं हुई। बल्कि इस कार को डुप्लीकेट या फिर इसी की चाबी से खोला और ऑपरेट किया गया।
गाड़ी के नंबर में झोल की कोशिश
मिली जानकारी के मुताबिक सचिन वाजे इस स्कॉर्पियों को नंबर को लेकर भी बदलाव करना चाहता था। इसी वजह से वाजे एक नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान पर भी गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक सचिन वाजे इस स्कॉर्पियों को नंबर को लेकर भी बदलाव करना चाहता था। इसी वजह से वाजे एक नंबर प्लेट बनाने वाली दुकान पर भी गया था।
एनआईए के इस खुलासे के बाद सचिन वाजे की मुश्किलें और बढ़ सकती है। दरअसल ये पहली बार नहीं जब मुंबई पुलिस ने सचिन वाजे को निलंबित कर दिया। यह भी पढ़ेँः कोरोना वायरस के नए खतरे ने दी दस्तक, इस राज्य में सामने आया पहला केस तो मच गया हड़कंप
इससे पहले, बम विस्फोट के आरोपी ख्वाजा यूनुस की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मार्च, 2004 में वाजे को निलंबित किया जा चुका है। उनकी हाल में बहाली हुई थी। आपको बता दें कि कारोबारी मनसुख हिरेन ने अपने बयान में कहा था कि 17 फरवरी को मुलुंड-ऐरोली रोड से उनकी स्कॉर्पियो गायब हो गई थी।