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चीन से लाए गए सभी भारतीय कोरोनावायरस से मुक्त, सर्टिफिकेट देकर कैंप से घर जाने की दी गई इजाजत

दिल्ली में आईटीबीपी के शिविर (ITBP Camp) में रखे गए सभी व्यक्तियों को घर जाने की इजाजत।
दो सप्ताह तक शिविर में रखे गए थे चीन के वुहान (Wuhan) से लाए गए भारतीय नागरिक।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी जानकारी, वापस लाए गए किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 (Covid-19) नहीं।

आईटीबीपी कैंप में रुके कोरोना वायरस संदिग्धों को छोड़ा गया।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संदेह में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP Camp) के दिल्ली स्थित शिविर में रखे गए सभी 406 भारतीय नागरिकों को घर जाने की अनुमति दे दी गई है। इन सभी भारतीयों को चीन के वुहान शहर (Wuhan) से भारत लाया गया था। वुहान ही चीन का वह शहर है, जहां कोरोना वायरस (CoronaVirus) का प्रकोप सबसे अधिक फैल चुका है। गनीमत है कि आईटीबीपी के कैंप में ठहराए गए सभी भारतीयों में से कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस (Covid-19) के संक्रमण से ग्रस्त नहीं पाया गया।
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बाहरी दिल्ली स्थित आईटीबीपी के छावला शिविर में ये सभी 406 संदिग्ध दो सप्ताह से अधिक समय बिता चुके हैं। यहां रह रहे सभी व्यक्तियों को अब घर जाने की अनुमति दे दी गई है। इन सभी 406 व्यक्तियों को स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने स्वस्थ होने का प्रमाणपत्र जारी किया है।
एयर इंडिया (Air India) के दो विशेष विमानों से कुल 647 भारतीय नागरिकों को चीन (China) से वापस लाया गया था। भारत सरकार (India Government) ने चीन से आने वाले सभी भारतीयों को दिल्ली के छावला व हरियाणा के मानेसर स्थित इंडियन आर्म फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में ठहराने का इंतजाम किया था।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “चीन से लौटे इन सभी लोगों को कम से कम दो सप्ताह तक शेष भारतीय नागरिकों से अलग रखने का फैसला किया गया था और यह समय सीमा पूरी होने पर अब इन्हें घर भेजा जा रहा है।”
वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है। वुहान ही चीन का वह शहर है, जहां अधिकांश भारतीय छात्र व अन्य नागरिक फंसे हुए थे। चीन से स्वदेश लौटने वाले अधिकांश भारतीयों में सबसे ज्यादा संख्या छात्रों की ही है।
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दिल्ली और हरियाणा में बने अस्थायी शिविरों में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की पहले चीन में और फिर दिल्ली पहुंचने पर एयरपोर्ट परिसर में ही गहन जांच की गई थी, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल रही। इसके बाद चीन से लौटे इन सभी भारतीयों को विशेष वाहनों से छावला व मानेसर ले जाया गया। छावला और मानेसर के इन शिविरों में चीन से लौटे भारतीयों को विशेषज्ञ एवं चिकित्सा दल की सघन निगरानी में रखा गया।
इन शिविरों में प्रतिदिन इनकी नियमित जांच की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “जांच में पता चला है कि इनमें से कोई भी भारतीय कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं है।”
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शिविर में रहने के दौरान चीन से आए ये सभी लोग अपने परिवार समेत किसी भी अन्य व्यक्ति से नहीं मिल सके थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के मामले में चीन की सरकार के साथ लगातार संपर्क में है और जल्द ही भारत लौटने के इच्छुक अन्य नागरिकों को स्वदेश लाया जाएगा।”

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