उन्होंने आगे बताया कि वायु प्रदूषण के चलते इंसानों के फेफड़े प्रभावित होते हैं। इस कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि गया औरर मुजफ्फरपुर में नए डीजल वाहनों के निबंधन पर रोक लगा दी गई है। अब से इन जिलों में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का ही नया निबंधन होगा।
डिप्टी सीएम ने बताया कि पटना में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाले ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान की जाएगी। इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IITD) के साथ मिलकर काम किया जाएगा। भाजपा नेता ने आगे बताया, “अगले तीन माह में 23 जिलों में 30 करोड़ रुपये की लागत से 24 नए वायु मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। फिलहाल वायु गुणवत्ता मापने के काम के लिए पटना में 6, गया और मुजफ्फरपुर में 2-2 और हाजीपुर में एक मॉनिटरिंग स्टेशन कार्यरत रहे हैं।”
इस दौरान सुशील मोदी ने देश के वायु प्रदूषण से प्रभावित शहरों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा पटना सहित बिहार के दो अन्य शहरों गया और मुजफ्फरपुर को भी देश के सबसे ज्यादा वायु प्रदूषित शहरों की सूची में स्थान दिया गया है।
इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि गया और मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण की तमाम वजहें हैं। इनमें परिवहन की वजह से 21 से 23 फीसदी, सड़क-भवन निर्माण और निर्माण सामग्रियों के परिवहन के चलते 11 से 13 प्रतिशत और फसलों के अवशेष व कचरा जलाने से 6 फीसदी वायु प्रदूषण फैलता है।
इस मौके पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष डॉ. एके घोष, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।