भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए खरीदे गए दो बोइंग-777-300 ईआर विमान तैयार हैं। इस विमान के आने के साथ ही अब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अभेद्य किले जैसे विमान में ही उड़ान भरेंगे। आईए जानते हैं क्या है इस विमान की खासियत कैसे अब अमरीका के एयरफोर्स वन को एयर इंडिया वन देगा टक्कर।
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आपको बता दें कि मौजूदा समय में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति एअर इंडिया के बोइंग- 747 विमान से यात्रा करते हैं, जिन्हें एयर इंडिया वन कहा जाता है। इन विमानों को एयर इंडिया के पायलट उड़ाते हैं और एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड इनकी देखभाल करता है। नए विमानों का इस्तेमाल सिर्फ वीवीआईपी की यात्रा के लिए ही किया जाएगा।
ये है विमान की खासियत
– प्रेसिडेंट और पीएम के लिए खरीदे गए दो बोइंग-777-300 ईआर विमान एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस हैं, जो बिना हैक किए मिड-एयर में ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन फंक्शन की सुविधा देता है।
– इस विमान की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता।
– इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता होगी।
– विमान में लगे मिसाइल एप्रोच सिस्टम के जरिए पायलट सेंसर की मदद से आने वाली मिसाइलों पर हमला कर सकता है।
– दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वायर फेयर जैमर लगाया गया है
– विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाने के लिए डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है
– सुरक्षा के लिहाज से रडार ट्रैकिंग मिसाइल से जब खतरा होता है तो बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं। इससे आगे छिपकर विमान निकलने में मदद मिलती है
– मिसाइल के हमलों से बचाने के लिए मिरर बॉल सिस्टम का प्रयोग किया गया है।
– एयर इंडिया वन की रफ्तार 900 किमी प्रति घंटे है
– प्रेसिडेंट और पीएम के लिए खरीदे गए दो बोइंग-777-300 ईआर विमान एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस हैं, जो बिना हैक किए मिड-एयर में ऑडियो और वीडियो कम्युनिकेशन फंक्शन की सुविधा देता है।
– इस विमान की एक सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस पर मिसाइल हमले का भी असर नहीं होता।
– इस विमान में हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता होगी।
– विमान में लगे मिसाइल एप्रोच सिस्टम के जरिए पायलट सेंसर की मदद से आने वाली मिसाइलों पर हमला कर सकता है।
– दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वायर फेयर जैमर लगाया गया है
– विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाने के लिए डायरेक्शनल इंफ्रारेड काउंटरमेजर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है
– सुरक्षा के लिहाज से रडार ट्रैकिंग मिसाइल से जब खतरा होता है तो बादलुनमा चाफ छोड़े जाते हैं। इससे आगे छिपकर विमान निकलने में मदद मिलती है
– मिसाइल के हमलों से बचाने के लिए मिरर बॉल सिस्टम का प्रयोग किया गया है।
– एयर इंडिया वन की रफ्तार 900 किमी प्रति घंटे है
तीन रंगों का इस्तेमाल
एयर इंडिया वन में तीन रंगों का इस्तेमाल किया है। इसमें सफले, हल्का नीला और नारंगी रंग शामिल है। विमान में हल्के नीले और सफेद रंग का ज्यादा इस्तेमाल है, जबकि नारंगी रंग की एक पट्टी बीच में दी गई। इन दोनों विमानों की कीमत 8458 करोड़ रुपए है।
एयर इंडिया वन में तीन रंगों का इस्तेमाल किया है। इसमें सफले, हल्का नीला और नारंगी रंग शामिल है। विमान में हल्के नीले और सफेद रंग का ज्यादा इस्तेमाल है, जबकि नारंगी रंग की एक पट्टी बीच में दी गई। इन दोनों विमानों की कीमत 8458 करोड़ रुपए है।