ऐसा इसलिए कि एम्स की टीम इस बारे में सही जानकारी हासिल करने को लेकर बार-बार कोशिश कर रही है। मुंबई में सुशांत के पोस्टमार्टम टीम में शामिल डॉक्टरों से एम्स की टीम इस मुद्दे पर वैज्ञानिक तरीके से सवाल का जवाब चाहती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुशांत के गले पर गहरे जख्म का निशान की वजह से एम्स के डॉक्टरों को शक हो रहा है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि सुशांत के गले पर जख्म के निशान उसके गले के बीच में हैं। यह एक लाइन से दिखाई दे रहे हैं।
Seer Kesavananda Bharati का निधन, मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ी थी ऐतिहासिक जंग अमूमन जब कोई आत्महत्या करने के लिए फांसी लगाता है तो गर्दन के सबसे ऊपर के हिस्से में जख्म के निशान बनते हैं। फिर फांसी के फंदे पर लटकने के बाद जख्म सीधी लाइन में न होकर तिरछे होते हैं। फांसी का फंदा ऊपर होने के कारण गर्दन पर खरोंच के निशान भी होते हैं। लेकिन एसएसआर के गर्दन पर जख्म वैसे नहीं हैं, जैसा होना चाहिए।
माना जा रहा कि इस बात को लेकर एम्स ( AIIMS ) की टीम में शामिल डॉक्टर आत्महत्या के मामले को हजम नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि एम्स के डॉक्टर इस मामले में कई बार सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ कर चुके हैं।
जानकारी तो यहां तक छनकर आ रही है कि एम्स के डॉक्टरों ने एक बार फिर कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टरों से पूछने के लिए कुछ सवाल तैयार किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सुशांत सिंह राजपूत के गले पर जख्म के निशान पर आप लोगों की क्या राय है।
Sanjay Raut: महाराष्ट्र से माफी मांगें कंगना रनौत, क्या अहमदाबाद के बारे में ऐसा कहने की हिम्मत है? एम्स की टीम का दूसरा सवाल यह है कि आपने इस बात को कैसे खारिज की सुशांत का गला नहीं घोंटा गया। तीसरा आप ये कैसे कह सकते हैं कि एसएसआर की मृत्यु कुर्ता से फंदा लगाने से हुई। सुशांत की मौत को लेकर सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों में धारणा बनी है उसका जवाब आपके पास क्या है?
आपको बता दें कि एम्स ( AIIMS ) के जांच टीम में डॉ. टी मिल्लवर, डॉ. आदर्श कुमार और डॉ. अभिषेक यादव शामिल हैं। इस टीम के डॉक्टर कूपर अस्पताल के डॉक्टरों से इन सवालों का जवाब मांगेंगे। एम्स के डॉक्टर 4 सितंबर से मुंबई में हैं और आज दोपहर दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इसके साथ ही सुशांत मामले में हर रोज नया खुलासा हो रहा है। इसलिस सुशांत की मौत का राज और गहराता जा रहा है।