हिंसा के खिलाफ देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल, पश्चिम बंगाल में 119 ने सौंपा इस्तीफा कोलकाता के राज्य सचिवालय से सटे सभागार में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पश्चिम बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों के दो प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई। इसके बाद कई फैसले लिए गए।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉक्टरों की तमाम मांगें मानने के लिए राजी हो गई हैं। गौरतलब है कि रविवार को बीते 6 दिनों से ममता सरकार के खिलाफ हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत पर सीएम ने हामी भरी थी।
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के देशव्यापी हड़ताल के उलट आरडीए एम्स के डॉक्टरों ने रविवार रात को एक बैठक में निर्णय लिया था कि सोमवार सुबह आठ से नौ बजे तक पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में मार्च निकालने के बाद काम पर वापस लौट आएंगे। लेकिन सोमवार को आरडीए एम्स ने नया निर्णय लेते हुए दोपहर 12 बजे से मंगलवार की सुबह छह बजे तक पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया।
लेकिन आरडीए एम्स ने आपातकालीन सेवाओं को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा है। इन आपातकालीन सेवाओं में कैजुअल्टी, आईसीयू और लेबर रूम सहित अन्य सेवाएं शामिल हैं। बता दें कि आईएमए के आह्वान पर सोमवार को हड़ताल में देश भर के 5 लाख से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल में शामिल हुए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर सोमवार को भी देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल जारी है।
मरीजों की सुविधा का रखा ख्याल एम्स के डॉक्टरों ने कहा है कि मरीजों की सुविधा का ख्याल कर अस्पताल की सेवाओं पर बाधा पैदा नहीं की जाएगी। अब अस्पताल पहले की तरह की ऑपरेट होंगे। हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि अगर गतिरोध खत्म नहीं होता है तो वे लोग अपना विरोध प्रदर्शन तेज करने पर मजबूर होंगे।
मोदी सरकार 2.0 का लक्ष्यः स्वच्छ भारत अभियान की तर्ज पर हर घर तक पहुंचे पाइपलाइन एम्स के डॉक्टर्स ने कहा है कि हर जगह प्रशासन उन्हें परेशान करने की कोशिश करता है, गैरपेशेवर रवैया अपनाता है, लेकिन उनका संघर्ष जारी रहेगा।
मरीजों की सेवा पहला काम RDA एम्स के डॉक्टरों ने कहा है कि वे मरीजों के कल्याण और उनकी सेवा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इसलिए अस्पताल की सेवाओं को किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाएगी और सोमवार से अस्पताल की सेवाएं पहले के तरह ही चलेंगी।
बिहार में चमकी बुखार से 93 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बिहार सरकार से मीडिया कवरेज की मांग बता दें कि पश्चिम बंगाल के हड़ताली चिकित्सकों ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के जरिए गतिरोध खत्म करने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने कहा कि विसंगतियों से बचने के लिए बातचीत का मीडिया कवरेज होना चाहिए।
कठुआ गैंगरेप केस में आ सकता है नया मोड़, चैट रिकॉर्ड से बढ़ सकती है विशाल की मुश्किल हड़ताल के छठे दिन जनरल बॉडी की बैठक के बाद एनआरएस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के विरोध कर रहे चिकित्सकों के एक प्रतिनिधि ने मीडिया से कहा कि हमारी मुख्यमंत्री का अंतिम प्रेस साक्षात्कार विसंगतियों से भरा है, जिसकी वजह से हमारे विरोध प्रदर्शन व सरकार के इस पर प्रतिक्रिया के पीछे गलत मंशा बताई गई। इसलिए स्पष्टीकरण की जरूरत है।