बेकाबू हो रहे कोरोना वायरस के बीच सबसे बड़ी चिंता कई राज्यों में तेजी से कम हो रही वैक्सीन ( Corona Vaccine ) को लेकर भी बढ़ने लगी है। महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली, ओडिशा, पंजाब, यूपी के कई जिलों में वैक्सीन की किल्लत ने कई सवाल खड़े कर दिए।
यह भी पढ़ेँः Corona संकट के बीच भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, 10 अप्रैल से शुरू हो रहीं ये स्पेशल ट्रेनें वैक्सीन की इस कमी की खबरों के बीच दिल्ली स्थित एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ( Randeep Guleria ) का बड़ा बयान सामने आया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकट के बीच सरकार लगातार ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है। लेकिन इस बीच वैक्सीन की किल्लत वाली खबरों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है।
वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए सप्लाई के बारे में जानकारी रखना कोई ‘रॉकेट साइंस’ नहीं है। दरअसल डॉ. गुलेरिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के बयान के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है। पूनावाला ने कहा था कि वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 3,000 करोड़ और तीन महीने की आवश्यकता है।
ये बोले गुलेरिया
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ‘मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर निर्माता ही सब कुछ करेगा। वे केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों को जरूरतों के बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि पूनावाला का ये कहना कि अब मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की जाएगी, ये तोड़ा अटपटा लगता है। वैक्सीन की मांग और खपत की जानकारी तो सभी को थी। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेंगे वैक्सीन की मांग में भी तेजी आएगी, क्योंकि ज्यादा आयुवर्ग के लोगों को ये लगने लगेगी।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ‘मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर निर्माता ही सब कुछ करेगा। वे केवल भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों को जरूरतों के बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि पूनावाला का ये कहना कि अब मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की जाएगी, ये तोड़ा अटपटा लगता है। वैक्सीन की मांग और खपत की जानकारी तो सभी को थी। जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ेंगे वैक्सीन की मांग में भी तेजी आएगी, क्योंकि ज्यादा आयुवर्ग के लोगों को ये लगने लगेगी।
एम्स डायरेक्टर ने कहा कि, पूनावाला के 3 हजार करोड़ की जरूरत वाले बयान पर तो मैं सलाह नहीं दे सकता है, लेकिन मुझे यकीन है कि ऐसे निवेशक होंगे जो मैन्यूफैक्चरिंग के लिए मदद करने के लिए तैयार होंगे।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया वैक्सीन चाहती है। मौजूदा समय में 50 वैक्सीन कैंडीडेट क्लीनिकल ट्रायल से गुजर रहे हैं। यह भी पढेंः Corona संकट के बीच इस शहर में सख्त हुए नियम, अब होम क्वारंटीन के लिए भरना होगा 25 हजार का
आपको बता दें कि वैक्सीन को लेकर बहस तब शुरू हुई जब महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेश में टीके की कमी को लेकर केंद्र से गुहार लगाई। इन राज्यों ने साफ किया कि उनके पास काफी कम खुराक बची हैं। कहीं दो तो कहीं तीन दिन का ही स्टॉक शेष बचा है।
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने वैक्सीन की कमी को राजनीति से जोड़ दिया और कहा कि देश में कहीं भी कोरोना वैक्सीन की कमी नहीं। बता दें कि महाराष्ट्र में सोमवार तक सभी निजी वैक्सीन सेंटर बंद कर दिए हैं। वहीं ओडिशा में 700 कोरोना वैक्सीन सेंटर टीके की कमी के चलते बंद हैं।