विविध भारत

फिर बदला उत्तर भारत में मौसम का मिजाज, किसानों और कारोबारियों पर होगा बुरा असर

कोरोना के खिलाफ तैयारियों को होगा असर
किसानों और कोरोबारियों के हित होंगे प्रभावित
लॉकडाउन का असर कम करने को लेकर सभी तैयारियों को लगेगा झटका

May 03, 2020 / 10:29 am

Dhirendra

नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई इलाकों में रविवार सुबह धूलभरी आंधी और बारिश की वजह से मौसम ने एक बार फिर अपना मिजाज बदल लिया है। पिछले कुछ दिनों से बिहार में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी कुछ दिनों में उत्तर भारत में बारिश की आशंका है।
हालांकि मौसम का रुख बदलने की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है लेकिन इसका सबसे बुरा असर देश के किसान और कारोबारियों पर होना तय है। साथ ही कोरोना वायरस ( coronavirus ) के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकार की तैयारियां भी बुरी तरह से प्रभावित होंगी।
इतना ही नहीं लॉकडाउन ( Lockdown ) को लेकर सरकार की तैयारियां भी इससे प्रभावित होने की आशंका है। कुल मिलाकर इस समय बारिश होना हर लिहाज से बुरा संकेत ही माना जा रहा है।
मौसम विभाग ( IMD ) इस बात की संभावना पहले जता चुकी है कि उत्तर भारत के सभी क्षेत्रों में 3 मई से 7 मई तक बिजली की चमक के साथ-साथ भारी बारिश भी होगी। विभागीय अनुमानों के मुतााबिक ओले और बिजली गिरने के साथ तेज हवाओं के चलने की संभावना भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ हिस्सों में गरज, धूल भरी आंधी और धूल भरी हवाएं चलने की भी चेतावनी दी गई है।
रविवार सुबह दिल्ली एनसीआर सहित यूपी के मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर सहित पूरे वेस्ट यूपी व पूर्वी यूपी के भी कुछ इलाकों में अचानक मौसम बदलाव और बारिश होना किसी भी दृष्टि से शुभ संकेत नहीं है। कुछ दिन पहले भी उत्तर भारत में बारिश हुई थी। इसका सबसे बुरा असर किसानों पर हुआ है। हालांकि किसानों ने अधिकांश फसलों की कटाई कर ली है लेकिन उनकी फसलें मंडी में खुले आसमान के नीच पड़ी हैं या फिर खेत खलिहानों में पड़ी हुई हैं।
इससे किसनों का बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। खासकर रबी फसलों का बड़े पैमाने पर किसानों का नुकसान हो सकता है।

दूसरी तरफ कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारियों पर भी इसका असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए कि लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार ने कई तरह की रियायतें दी है। ग्रीन और आरेंज वलो क्षेत्रों में जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए कृषि आधारित कारोबार, व्यापार, आवामगन में लोगों को रियायतें दी गई हैंं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगर बारिश हुई तो ये सब गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
राष्ट्रीय स्तर की शोध संस्था नीरी ने भी महाराष्ट्र और कर्नाटक में अपने शोध अध्ययन के आधार पर बताया था कि तापमान और आद्रता को कोरोना वायरस के बीच सीधा संबंध है। अगर तापमान में 25 या उसके नीचे रहता है तो कोरोना का असर ज्यादा दिखेगा। ऐसे में अगर बारिश होती है तो इसका सीधा असर केंद्र और राज्य सरकार की कोरोना के खिलाफ सभी तरह की तैयारियों पर होना तय है। साथ ही कोरोना का असर आगामी दिनों में कम होने के बजाए बढ़ भी सकता है।
बता दें कि पहले से ही कोरोना की मार से लोग परेशान है। ऊपर से प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान पहुंच रही है। सब्जी की खेती करने वाले किसान बेहद दुखी हैं। अब बारिश हुई तो करीब डेढ़ महीने से ठप कारोबार को शुरू करना भी ट्रेडर्स और उद्यमियों के लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है।

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