प्रशासन ने इन हालातों को देखते हुए किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरे अमृतसर में सुरक्षा व्यवस्था अत्यन्त कड़ी कर दी है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि आज से 37 वर्ष पूर्व पाकिस्तान और चीन की तरह भारतीय सेना ने श्री हरमंदिर साहिब पर टैंकों और तोपों से हमला किया और एक विजेता सेना की तरह सिखों के साथ बर्ताव किया। यह हमला आज भी सिखों के लिए नासूर के समान है। उन्होंने आगे कहा कि हमें पता है कि इस जख्म का इलाज किस तरह करना है और क्या इसकी दवा है।
इस अवसर पर 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर झंडा फहराने वाले दीप सिद्धू भी वहां दिखाई दिए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए 37 वर्ष पहले हुए घटनाक्रम को निंदनीय बताया और कहा कि आज की राजनीति में एक ऐसा सिस्टम बन गया है जहां अपने हक की बात करने पर देशद्रोही का ठप्पा लगा दिया जाता है।
स्थानीय पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस तैनात कर दी गई है। पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह गिल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।