कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इन सभी छात्रों से पिकनिक पर जाने से पहले लिखित मांगा गया था कि वे अपना कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही हॉस्टल में लौट सकेंगे। मगर इन छात्रों ने इन आदेशों का पालन नहीं किया। सोमवार को सभी बच्चे अमृतसर से लौटे थे। सभी छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलग-अलग ब्वायज हॉस्टल में रहते हैं।
ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण की रोकथाम को PM मोदी ने दिए 5 मंत्र, जानिए कैसे रुकेंगे बढ़ते केस मंगलवार को इनका कोरोना टेस्ट करवाया गया। मगर बुधवार को सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट आते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन छात्रों को घर भेज दिया है। इसके साथ ही नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। इनसे पूछा गया है कि जयपुर में कहां-कहां रुके थे और उनका संपर्क किसके साथ हुआ था।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले 54 छात्रों ने जयपुर जाने के लिए प्रिंसिपल कार्यालय से इजाजत ली थी। प्रिंसिपल डॉ.राजीव देवगण का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों का हवाला देते हुए 54 छात्रों को छुट्टी देने से मना किया गया था। मगर छात्र जिद पर अड़े थे। कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों ने प्रिंसिपल पर दबाव बनाया कि वह अपने जोखिम पर इन छात्रों को भेजना चाहते हैं, इसलिए इन्हें जाने दें।
आदेश न मानने वाले छात्रों पर होगी कार्रवाई: प्रिंसिपल प्रिंसिपल डॉ.राजीव देवगण के अनुसार 20 में से तीन विद्यार्थियों को आइसोलेशन वार्ड में रखे गए हैं। वहीं बाकी को घर भेजा गया है। इन विद्यार्थियों ने आदेशों का पालन नहीं किया है। ऐसे में इन पर सख्त कार्रवाई होगी।