बछेन्द्री पाल ने फतह किया बछेंद्री पाल के लिए पर्वतारोहण का पहला मौक़ा 12 साल की उम्र में आया, जब उन्होंने अपने स्कूल की सहपाठियों के साथ 400 मीटर की चढ़ाई की। 1984 में भारत का चौथा एवरेस्ट अभियान शुरू हुआ। इस अभियान में जो टीम बनी, उस में बछेंद्री समेत 7 महिलाओं और 11 पुरुषों को शामिल किया गया था। इस टीम के द्वारा 23 मई 1984 को अपराह्न 1 बजकर सात मिनट पर 29,028 फुट (8,848 मीटर) की ऊंचाई पर ‘सागरमाथा (एवरेस्ट)’ पर भारत का झंडा लहराया गया। इस के साथ एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक क़दम रखने वाले वे दुनिया की 5वीं महिला बनीं।भारतीय अभियान दल के सदस्य के रूप में माउंट एवरेस्ट पर आरोहण के कुछ ही समय बाद उन्होंने इस शिखर पर महिलाओं की एक टीम के अभियान का सफल नेतृत्व किया।
अंतरिक्ष में राकेश शर्मा ने की चहलकदमी 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ दिन तक अंतरिक्ष में रहे। ये उस समय भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक थे। 2 अप्रैल 1984 को दो अन्य सोवियत अंतरिक्षयात्रियों के साथ सोयूज टी-11 में राकेश शर्मा को लॉन्च किया गया। इस उड़ान में और साल्युत 7 अंतरिक्ष केंद्र में उन्होंने उत्तरी भारत की फोटोग्राफी की और गुरूत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास किया।
सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा उनकी अन्तरिक्ष उड़ान के दौरान भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि ऊपर से अन्तरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। राकेश शर्मा ने उत्तर दिया- “सारे जहाँ से अच्छा”।
धरती से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का यह सवाल और अंतरिक्ष में रूसी अंतरिक्ष यान से भारत के अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के इस जवाब ने हर हिन्दुस्तानी को रोमांचित कर दिया था। INTACH की हुई स्थापना
इसी वर्ष भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज नामक संस्था की स्थापना की गई।