अप्रैल मध्य तक दूसरा स्क्वॉड्रन तैयार होने की उम्मीद है। हाशिमारा एयरबेस चीन और भूटान ट्राइजंक्शन के पास है। ऐसे में यहां पर स्क्वॉड्रन बनाने का फैसला लिया गया है। इस तरह से चीन भविष्य में कोई हिमाकत करे तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। रफाल का पहला स्क्वॉड्रन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर है।
ये भी पढ़ें: भारतीय वायुसेना की आसमान में बढ़ेगी ताकत, 144 फाइटर खरीदने की तैयारी कर रही सरकार रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी। तब पांच फाइटर जेट आए थे। दूसरे बैच में तीन नवंबर को तीन रफाल जेट आए थे और इस वर्ष 27 जनवरी को तीसरे बैच के साथ तीन और राफेल लड़ाकू विमान भारत आए।
इस तरह से अबतक देश को कुल मिलाकर 11 रफाल लड़ाकू विमान आ चुके हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के बजट सत्र में बताया था कि मार्च तक 17 और रफाल और अगले वर्ष अप्रैल तक सभी 36 लड़ाकू विमान आ जाएंगे।
भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये में फ्रांस सरकार के साथ 36 रफाल लड़ाकू विमानों का सौदा किया है। सूत्रों के अनुसार इस साल अप्रैल मध्य तक रफाल के दूसरे स्क्वॉड्रन को हाशिमारा के मेन ऑपरेटिंग बेस को बनाने की तैयारी चल रही है।