बताया जा रहा है कि गैस टैंकर ( Oxygen Crisis ) के पहुंचने में महज पांच मिनट की देरी हुई थी। इन पांच मिनटों की देरी ने श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में 11 मरीजों ने दम तोड़ दिया।
यह भी पढ़ेँः अब रिश्तों की परीक्षा ले रहा कोरोना, जज ने पिता के शव को लेने से किया इनकार, फिर ऐसे हुआ अंतिम संस्कार एक तरफ, कोरोना महामारी मानव जीवन को खा रही है। दूसरी तरफ, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। पहले ही देश भर में कई कोरोना रोगियों को ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें चाहे कितनी भी कोशिश कर रही हों , लेकिन कई लोग समय से पहले ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं। तिरुपति से भी ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है।
चित्तूर के जिला कलेक्टर एम हरि नारायणन के मुताबिक, यह घटना तिरुपति के रुइया अस्पताल की है, जिसे कोविड अस्पताल घोषित किया गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने घटना को दुख व्यक्त किया है। साथ ही इस हादसे की जांच के आदेश भी दिए हैं।
वहीं जिला कलेक्टर एम हरि नारायण ने जानकारी दी कि ऑक्सीजन सपोर्ट उपचार करा रहे 11 मरीजों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि तिरुपति, चित्तूर, नेल्लोर और कड़ापा के अस्पताल में करीब एक हजार कोविड मरीजों का इलाज कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर को फिर से लोड करने में पांच मिनट लगे जिससे आक्सीजन आपूर्ति कम होने से मरीजों की मौत हो गई। यह भी पढ़ेंः
Good News: देश में अब सस्ती मिलेगी कोरोना की दवा, जानिए कैसे होगा सभी को फायदा नारायण ने कहा- ऑक्सीजन की आपूर्ति पांच मिनट के भीतर बहाल हो गई और सब कुछ अब सामान्य हो गया है। इसकी वजह से हम अधिक मरीजों की मौत को रोक सके। करीब 30 डॉक्टरों को मरीजों की देखरेख करने के लिए तुरंत आईसीयू में भेजा गया।
आंध्र प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 13 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। नाराज परिजनों ने किया हंगमा
हादसे से नाराज परिजन कोविड ICU में घुस आए। इस दौरान उन्होंने कई टेबल पलट दी और उपकरणों को नुकसान पहुंचाया है।
अधिकारियों के मुताबिक ICU में मौजूद नर्स और डॉक्टर अपनी सुरक्षा के लिए तुरंत वहां से भागे और पुलिस के आने पर ही वापस लौटे। अस्पताल की सुपरिटेंडेंट डॉ. भारती का कहना है कि यहां कोविड के अलावा अन्य मरीज भी भर्ती होते हैं। कुछ और मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।