PM मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत सभी देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार से की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं।
एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है।
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आइए जानते हैं PM मोदी के संबोधन से जुड़ी 10 बड़ी बातें—
1. 20 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। ये पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।
2. आत्मनिर्भता के पांच पिलर्स
इस दौरान प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच Pillars पर खड़ी होगी।
3- लॉकडाउन 4.0 का ऐलान
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन के चौथे चरण का भी ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
4. लोकल से वोकल
PM मोदी ने कहा कि आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है, न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।
5. ऐसा होगा भविष्य का भारत
उन्होने कहा कि साथियों, आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है।
6. 21वीं सदी का भारत
PM मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता हमें सुख और संतोष देने के साथ-साथ सशक्त भी करती है। 21वीं सदी, भारत की सदी बनाने का हमारा दायित्व, आत्मनिर्भर भारत के प्रण से ही पूरा होगा। इस दायित्व को 130 करोड़ देशवासियों की प्राणशक्ति से ही ऊर्जा मिलेगी।
7. भारत ने दिखाई अपनी शक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब कोरोना संकट शुरु हुआ,तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे है।
8. भारतीय संस्कृति और संस्कार पर बल
विश्व के सामने भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं। जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता। भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है।
9. देश को शौच मुक्ता बनाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत खुले में शौच से मुक्त होता है तो दुनिया की तस्वीर बदल जाती है। टीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता ही पड़ता है।
10. भारत पर दुनिया की नजरें
उन्होंने कहा कि दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है -कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है- 130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प।