अयोग्य करार दिए गए लोगों को एनआरसी की डेडलाइन ( NRC DEADLINE ) 31 जुलाई से पहले भारतीय नागरिक ( indian citizenship ) होने का प्रमाण देना होगा। फिलहाल जिन लोगों का नाम एनआरसी सूची ( NRC list ) से हटाया गया उनकी संख्या 1.02 लाख है। ये नाम पिछले साल जुलाई में प्रकाशित ड्राफ्ट नागरिक सूची में शामिल थे, लेकिन अब इन्हें अयोग्य पाया गया है।
मोदी सरकार 2.0: पहले मन की बात में पीएम मोदी ने कहा- ‘शब्द मेरे आवाज आपकी होती है’ नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस ( National Register Of citizens ) का मकसद असम में गैरकानूनी रूप से आकर बसे लोगों की पहचान करना है। पहचान के बाद उन्हें बांग्लादेश वापस भेजनेे की योजना है।
दावे के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 11 जुलाई फिलहाल जिन लोगों के नाम एनआरसी ( NRC ) से हटाए गए हैं, उन्हें व्यक्तिगत रूप से आवासीय पतों पर खत भेजकर सूचित किया जाएगा। ये लोग निर्धारित एनआरसी ( NRC ) सहायता केंद्रों पर 11 जुलाई तक अपने दावे दाखिल कर सकेंगे।
क्या है एनआरसी दरअसल, नए नेशनल सिटीजन रजिस्टर ( National Register Of citizens ) में असम में बसे सभी भारतीय नागरिकों ( Indian Citizens ) के नाम, पते और फोटो हैं। सरकार का मकसद प्रदेश में अवैध रूप से रहने वालों का खुलासा करना और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजना है। देश में लागू नागरिकता कानून से अलग असम अकॉर्ड 1985 ( Assam accord 1985 ) के मुताबिक 24 मार्च, 1971 की आधी रात तक राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को ही भारतीय नागरिक ( Indian Citizen ) माना जाएगा।
जम्मू-कश्मीर: लोकसभा में अमित शाह ने पेश किया राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव इसलिए रजिस्टर में उन्हीं लोगों के नाम शामिल किए जा रहे हैं जो खुद को भारतीय नागरिक होने का प्रमाण दे पाए हैं। इसके साथ ही सूची में उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जिनके वंशजों का नाम 1951 में हुई जनगणना (1951) में शामिल था या फिर जिनका नाम 24 मार्च, 1971 को असम की निर्वाचक नामावली में दर्ज हो गया था।
31 जुलाई को प्रकाशित होगा अंतिम ड्राफ्ट आपको बता दें कि असम में NRC की सूची को तैयार करने का काम सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग में अपडेट हो रहा है। इससे पहले 30 जुलाई, 2018 को एनआरसी का मसौदा जारी किया गया था। पिछले साल जारी अंतिम मसौदे में कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों का नाम शामिल था, जबकि 40.7 लाख लोगों को छोड़ दिया गया था।
G-20 Summit 2019: पीएम मोदी भारत को क्या फायदा दिलाना चाहते हैं? 31 दिसंबर, 2017 को प्रकाशित पहले एनआरसी मसौदे में 1.9 करोड़ नाम थे। अब इस मसौदे को अंतिम रूप से जारी करने के लिए 31 जुलाई, 2019 की तारीख मुकर्रर है।