दरअसल, वीडियो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले का है। जहां एक किसान जमीन के मामले को लेकर लेखपाल के पास पहुंचा था। लेखपाल ने किसान से रिश्वत की डिमांड की थी। लेखपाल जब रिश्वत की राशि लेने किसान के घर पहुंचा तो यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया। वहां पर मौजूद परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो रिकार्ड कर उसे इंटरनेट पर वायरल कर दिया। बताया जाता है कि यह पूरा प्रकरण मिर्जापुर के मड़िहान तहसील क्षेत्र का है।
पीड़ित ने डीएम को पत्र लिख की थी कार्रवाई की मांग
मामले में पीड़ित लक्ष्मी नारायण दूबे ने डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी । पीड़ित ने आरोप लगाया था कि लेखपाल कुंवर प्रसाद उनको आए दिन फर्जी केस में संलिप्त करने की धमकी देता है। साथ ही जमीन के दस्तावेजों में गड़बड़ी करने की भी धमकी दे रहा है।ऐसा ना करने की एवज में मुझसे रिश्वत की मांग रहे है। जिसके संबंध में जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम मड़िहान अश्वनी कुमार सिंह ने इस मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़ित के वीडियो क्लिप की जांच की गई।
मामले में पीड़ित लक्ष्मी नारायण दूबे ने डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी । पीड़ित ने आरोप लगाया था कि लेखपाल कुंवर प्रसाद उनको आए दिन फर्जी केस में संलिप्त करने की धमकी देता है। साथ ही जमीन के दस्तावेजों में गड़बड़ी करने की भी धमकी दे रहा है।ऐसा ना करने की एवज में मुझसे रिश्वत की मांग रहे है। जिसके संबंध में जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम मड़िहान अश्वनी कुमार सिंह ने इस मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़ित के वीडियो क्लिप की जांच की गई।
इसे भी पढ़ें: मायावती ने प्रयागराज में अतीक को भेजा शादी का न्योता, कई दिग्गज नेताओं को पूछा भी नहीं जांच में लेखपाल पाया गया दोषी
इसमें साफ हुआ है कि पीड़ित ने पैसे लेखपाल कुंवर प्रसाद को दिए हैं। जिसको लेखपाल ने अपने हाथ में लेकर मस्तक लगया, फिर नोटों को गिनकर रख लिया। प्रथम दृष्टया लेखपाल दोषी पाए जाते हैं। लेखपाल ने तहसील की छवि को भी धूमिल किया है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए लेखपाल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।
इसमें साफ हुआ है कि पीड़ित ने पैसे लेखपाल कुंवर प्रसाद को दिए हैं। जिसको लेखपाल ने अपने हाथ में लेकर मस्तक लगया, फिर नोटों को गिनकर रख लिया। प्रथम दृष्टया लेखपाल दोषी पाए जाते हैं। लेखपाल ने तहसील की छवि को भी धूमिल किया है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए लेखपाल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।