पत्रिका की टीम ने मौके पर जाकर बाढ़ के हालात का जायजा लिया तो कोन ब्लाक के मझिगवां में गंगा के किनारे पुरानाबाड़ा स्थित अन्त्येष्टि स्थल के पास पानी पहुंच चुका था। वहीं बाढ़ के खतरे को देखते हुए जगदीशपुर गांव में किसान रामगोपाल बचाव में छपर हटा कर बाढ़ से निपटने की तैयारी करते दिखे। इसी गांव के काशीनाथ यादव भी बाढ़ को देखते हुए अपने पशुओ को बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुचाने में व्यस्त थे।
वहीं बाढ़ के प्रभाव से पड़ोसी गांव मल्लेपुर भी प्रभावित हुआ है, जहां बाढ़ का पानी गांव कि गलियों में घुस चुका है। गांव के योगेश यादव का घर पानी मे आंशिक तौर पर डूब चुका है। बताया जाता है कि इसके अलावा गंगा के किनारे खुलुवा मछली पट्टी, धौराहरा, सेमरा, बल्ली परवा, लखनपुर मझिगवां आदि गांव के घरों के पास गंगा बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ बताया जा रहा है। मझरा क्षेत्र में बड़ी संख्या खेतों में पशु चर रहे हैं। अगर बाढ़ का खतरा बढ़ा तो पशुओ के लिए मुसीबत साबित होगा। वहां से वापस आने के लिये पशुओं को गंगा के पानी में होकर ही आना पड़ेगा। फिलहाल गंगा अभी जिले में खतरे के निशान 77 मीटर से नीचे है। पर जिस तरह से पानी मे लगातार बढ़ोतरी हो रही है। स्थानीय लोग बाढ़ कि आशंका से सिहर उठे हैं।
By Surersh Singh