ये भी पढ़ें- लखनऊः पहुंचने ही वाला था घर, ट्रेन में हो गई मौत, अन्य श्रमिकों में कोरोना को लेकर फैला डर जानकारी के अनुसार चुनार कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनपुर गांव में दोपहर में मोती लाल अपने खेत में जेसीबी के माध्यम मौजूद मिट्टी के ढुहा को हटवा रहे थे। उसी दौरान मिट्टी के घड़े में ब्रिटिश कालीन के सिक्के मिले। विक्टोरिया के समय के ढेर सारे सिक्के देखते ही मौके पर मौजूद जेसीबी चालक चन्दन यादव ने मिट्टी खुदाई करना बंद कर दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे ज़मीन मालिक मोती लाल ने सिक्कों पर अपना दावा किया। इसे लेकर और भी लोगों में रस्साकशी शुरू हो गई। सभी मौजूद लोग सिक्कों पर अपना हक जमाने लगे। जेसीबी चालक चंदन भी आधा हिस्सा लेने की बात कहते हुए सभी से उलझ गया। कुछ ही देर में यह जानकारी पूरे क्षेत्र में फैलने लगी। सूचना होने पर मौके पर चुनार उप जिलाधिकारी चुनार जंग बहादुर यादव दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।
ये भी पढ़ें- लॉकडाउनः बिना पास वालों की मंडी में एंट्री बैन, फुटकर सब्जी व फल बेचने पर भी रोक, टोकन सिस्टम लागू 150 साल से भी ज्यादा पुराने हैं सिक्के- वह जेसीबी से खुदाई कराने लगे, जिससे कुछ ही पलों में कुछ और सिक्के प्राप्त हुए। बताया जाता है कि सभी सिक्के साल 1862, 1877, 1878, 1900, तथा साल 1904, 1905 के हैं। मौके से सात सिक्कों को उपजिलाधिकारी चुनार ने अपनी सुपुर्दगी में लेने के बाद अन्य सिक्के, जिन्हें ग्रामीण ले गए, उसके बरामदी के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर जमीन मालिक मोतीलाल ने बताया है कि उनकी दादी लखवंती देवी का किसी समय यहां मकान हुआ करता था। गंगा नदी में आई बाढ़ के दौरान पूरा मकान बह गया था। उसी दौरान उनकी दादी का निधन भी हो गया था। संभवत: उन्होंने ही उन सिक्कों को गाड़ रखा हो। वहीं उप जिलाधिकारी जंगबहादुर यादव ने बताया कि कुल सात सिक्के अभी बरामद किए गए हैं।