मेरठ

Zika Virus: गर्भवती महिलाओं को लेकर अलर्ट, शुरू किया चिहिंत करने का काम

Zika Virus: जीका वायरस ने कानपुर में कहर बरपा रखा है। वहीं जीका को लेकर प्रदेश के सभी जिलों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने अब गर्भवती महिलाओं को जीका वायरस से बचाने के लिए अलर्ट हो गया है। इसके तहत अब जिले की गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। जहां बुखार के मरीज मिल रहे हैं उनके ब्लड सेंपल लेकर जीका वायरस की जांच की जा रही है।

मेरठNov 11, 2021 / 04:29 pm

Nitish Pandey

Zika Virus: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में अभी तक जीका वायरस का एक भी केस नहीं मिला है। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है। कानपुर में जीका वायरस के लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर मेरठ मंडल में भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट हो गया है।
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एडी हेल्थ डॉ. राजकुमार के अनुसार मंडल के हर जिले में सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का चेकअप भी करें। इसके अलावा जहां भी बुखार के मरीज मिलते हैं उनके तुरंत ब्लड सैंपल लेकर जीका वायरस की जांच कराई जाए। वैसे ये राहत की बात है कि मंडल के सभी जिलों में अभी तक जीका वायरस का एक भी केस नहीं मिला है।
हालाकि मंडल के जिलों में बुखार और डेंगू ने कहर बरपाया हुआ है। बुखार और डेंगू के कारण अब तक कई मरीजों की जान जा चुकी है। जिलों में स्वास्थ्य विभाग अभी तक बुखार और डेंगू को नियंत्रित भी नहीं कर पाया है। कानपुर में जीका के बेकाबू हो जाने के बाद से स्वास्थ्य विभाग में अलर्ट भी घोषित हो गया। अलग-अलग क्षेत्र से रेंडम पांच दर्जन से अधिक लोगों के ब्लड सैंपल में जीका वायरस की जांच की गई। गनीमत इतनी है कि अब तक सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
एडी हेल्थ डॉक्टर राजकुमार ने बताया कि जीका वायरस को गर्भवती के लिए अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के निर्देश पर जिले में हाउस टू हाउस सत्यापन का कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला को जीका वायरस पीड़ित होने पर उसके गर्भस्थ शिशु में माइक्रोसिफेली (जन्म जात बीमारी) विकसित हो सकती है। इससे शिशु मानसिक रूप से कमजोर भी हो सकता है। माइक्रोसिफेली नाम की इस बीमारी से गर्भ में पल रहे भ्रूण के सिर के अविकसित रह जाने का खतरा होता है।
जीका वायरस के कारण होने वाली इस बीमारी से प्रभावित बच्चे छोटे अविकसित सिरों के साथ पैदा होते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें उपचार उपलब्ध कराए जाने की तैयारी कर दी गई है। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में अगर किसी गर्भवती को बुखार आता है तो इसकी विभागीय अधिकारियों को तत्काल जानकारी दें, जिससे उन महिलाओं का जांच कराई जा सके।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जीका को लेकर कई स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है। सभी टीमें अलर्ट मोड पर हैं। अलग-अलग क्षेत्र में बुखार पीड़ितों की ब्लड सैंपल में जीका वायरस की जांच कराई जाती है। अभी तक जिले में सभी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। गर्भवती महिलाओं पर टीम का विशेष रूप से फोकस है।
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