10 करोड़ की सुपारी की जांच कर रहे जांच अधिकारी भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे है। जबकि गैगवार की आशंका जता चुके अधिकारी सुनील राठी को लखनउ स्थित फतेहगढ जेल भेज चुके है। अब ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या वाकई में जांच एजेंसियों के पास अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। या जांच के नाम पर केवल अभी तक एक सोची समझी राजनीति के तहत मामले को ठंडे बस्ते में डालने का खेल चल रहा है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में कुछ ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब अब तक नहीं मिल पाया है।
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हालात ये है कि मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या के एक हफ्ते बाद भी जांच टीमें किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। सात दिन हत्या के हो चुके हैं, लेकिन पुलिस सुनील राठी द्वारा दिये गये ब्यान पर ही कायम है। जबकि कई ऐसे सवाल है, जो आज भी अपना जवाब मांग रहे हैं। लेकिन किसी के पास उन सवालों के जवाब नहीं है। जांच अधिकारी भी जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कहकर अभी तक पल्ला झाड़ते रहे हैं।