यह भी पढ़ेंः उप मुख्यमंत्री की विवादित टिप्पणी को विपक्ष के नेताआें ने कैराना आैर नूरपुर से जोड़ा, कुछ कहा एेसा यह भी पढ़ेंः कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी के इस मंत्री ने अफसरों को दिए ये कड़े निर्देश मिल मालिकों पर शिकंजा कसेंगे डीएम प्रदेश सरकार ने मिल मालिकों पर किसानों के भुगतान के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में जिलाधिकारी मेरठ अनिल ढींगरा ने सख्ती दिखाते हुए किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्ती से कहा कि यदि कोई मिल भुगतान करने में आनाकानी करती है तो मिल की संपत्ति को नीलाम कर किसानों का भुगतान करें। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे शुगर मिलों की संपत्ति का विवरण अपने पास रखें। जिलाधिकारी ने चीनी मिलों से बकाया भुगतान के लिए शेड्यूल की मांग की है। अपने शेड्यूल के अनुसार भुगतान नहीं करने वाली मिल के अफसरों को जेल भेजने की चेतावनी भी दी।
यह भी पढ़ेंः मायावती के इस खास सिपाही की मुश्किलें आैर बढ़ गर्इ, जानिए अब क्या हुआ यह भी पढ़ेंः यहां 100 की स्पीड से आयी आंधी, हो गया ब्लैक आउट हार की वजह किसानों की नाराजगी गन्ना मिलाें द्वारा किसानों का भुगतान नहीं किए जाने से भाजपा सरकार के प्रति किसानों में रोष है। भाजपा कैराना व नूरपूर में पार्टी की हार के पीछे इस कारण को मानकर चल रही है। इससे अलग शनिवार को अचानक डीएम अनिल ढींगरा ने गन्ना भुगतान की समीक्षा बैठक में कड़ा रूख अपनाया। उन्हाेंने जिले के सभी तहसीलों के उपजिलाधिकारियों को उनके क्षेत्र में आने वाली चीनी मिलों की चल व अचल संपत्ति का ब्योरा गन्ना विभाग को देने के निर्देश दिए और कहा कि जो मिल समय से किसानों का भुगतान नहीं कर रही है उनकी संपत्ति नीलाम कर किसानों को उनका भुगतान दिलाया जाए।
मिलवार समीक्षा करके भुगतान की स्थिति जानी गन्ना मिलों द्वारा अब तक किए गए भुगतान की भी डीएम ने मिलवार समीक्षा की। समीक्षा में बताया गया कि 2017-18 के पेराई सत्र में कुल मिलों का 59.80 प्रतिशत भुगतान हुआ है, जिसमें मवाना द्वारा 57.71 प्रतिशत, दौराला 83.44, सकौती 75.87, किनौनी 32.09, नगलामल 51.78 व मोहिउद्दीनपुर 68.44, प्रतिशत भुगतान किया गया है।