मेरठ

Exclusive: गोपालकों को इस पुरस्कार से नवाजेगी योगी सरकार, देखें वीडियो

ब्लाॅक, जिला आैर राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए किया जाएगा चयन
 

मेरठNov 29, 2018 / 11:36 pm

sanjay sharma

Exclusive: गो पालकों को इस पुरस्कार से नवाजेगी योगी सरकार, देखें वीडियो

केपी त्रिपाठी, मेरठ। उप्र में दुग्ध विकास कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय गोवंश की गाय के दूध में वृद्धि और गोवंश पालकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए योगी सरकार अब पुरस्कार प्रदान करेगी। यह पुरस्कार नन्द बाबा पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। प्रमुख सचिव डा. सुधीर एम बोबडे ने बीती 22 अक्टूबर को जारी शासनादेश संख्या 21/2018/1642-53-2-18 17 टीसी में दुग्ध आयुक्त को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में गोवंश पालकों को प्रोत्साहन प्रदान करने और दुग्ध विकास कार्यक्रम के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों और गोवंश पालकों को 2001 में गोकुल पुरस्कार वितरण की व्यवस्था की गई थी। जिसके अंतर्गत प्रदेश और जनपद स्तर पर प्रथम पुरस्कार पाने वाले को प्रतिवर्ष गोकुल पुरस्कार प्रदान किया जाता है, लेकिन भारतीय गोवंश पालकों और भारतीय गोवंश के दूध में वृद्धि के लिए कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अभी तक किसी पुरस्कार की कोई व्यवस्था नहीं थी। इस संबंध में सरकार ने विचारोपरान्त उप्र में भारतीय गोवंश की गाय के दुग्ध उत्पादकों और भारतीय गोवंश पालकों के बीच प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने तथा उन्हें भारतीय गोवंश की गाय के रख-रखाव के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड, जनपद, राज्य स्तर पर नन्द बाबा पुरस्कार वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया।
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ये होगी पुरस्कार राशि

नन्द बाबा पुरस्कार के लिए विकास खंड स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए 5100 रूपये की धनराशि, जनपद स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए 21 हजार की धनराशि और राज्य स्तर पर 51 हजार की धनराशि प्रथम पुरस्कार के रूप में रखी गई है।
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ये होगा चयन का तरीका

जिन पशुपालकों के पास सर्वाधिक भारतीय गोवंश होगे और विकास खंड स्तर पर इन गायों का दूध 1500 लीटर प्रति माह से अधिक होगा उन्हें विकास खंड स्तर पर पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। जिन गोवंश पालकों का दूध 5000 लीटर प्रति माह होगा उन्हें जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए और जिन भारतीय गोवंश पालकों का दूध राज्य में सर्वाधिक अधिक होगा उनको राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। दुग्ध और भारतीय गोवंश पालकों की मानिटरिंग का काम जिला दुग्ध संघ के जिम्मे होगा। जिला स्तर पर बने दुग्ध संघ ही ब्लाक, जिला और राज्य स्तर के लिए चयनित कर पुरस्कार के लिए भेजने का कार्य करेंगे।

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